इस साल 50 प्रतिशत कर्मियों की हुई ऑनलाइन भर्ती | विनय उमरजी / December 10, 2020 | | | | |
नौकरियों के मौके की जानकारी देने वाली प्रमुख वेबसाइट इंडीड डॉट कॉम द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार साल 2020 में कोरोना के बीच लगभग 47 प्रतिशत नियोक्ताओं ने केवल ऑनलाइन तरीकों से भर्ती की और वहीं तीन में से लगभग एक ने भर्ती के लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन, दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया।
प्रत्येक पांच नियोक्ताओं में लगभग दो का यह मानना है कि महामारी के बाद भी ऑनलाइन हायरिंग जारी रहेगी। इंडीड ने भी वर्चुअल हायरिंग इवेंट्स (वीएचई) को लॉन्च किया है, जो देश भर के नियोक्ताओं को भर्तियों में मदद करेगा। वीएचई के लॉन्च से पहले, इंडीड ने 16 क्षेत्रों तथा 12 शहरों के लगभग 500 नियोक्ताओं के साथ बात की।
इंडीड.कॉम के प्रबंध निदेशक शशि कुमार के अनुसार, वीएचई के साथ देशभर के नियोक्ता आसानी से एवं लागत प्रभावी तरीके से अपनी कंपनी के लिए वर्चुअल हायरिंग इवेंट बना सकते हैं जहां वे सुरक्षा के साथ बेहतर तरीके से साक्षात्कार कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार भर्तियां कर सकते हैं।
कुमार कहते हैं, 'भारत कार्यबल के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यहां किसी नौकरी के लिए सही कर्मी की तलाश, खासकर महामारी के समय में काफी कठिन काम है। सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि नियोक्ता एवं नौकरी तलाश रहे लोगों के लिए वर्तमान में हो रहे बदलावों को साथ लेकर चला जाए। नियोक्ताओं को बेहतर प्रतिभाओं को खोजने एवं विकास के अवसर पैदा करने के लिए अपनी भर्ती रणनीतियों को बदलाव के साथ फिर से तैयार करना होगा। नियक्ति प्रक्रिया में सुधार, अनुकूलन और सरल बनाने के लिए नए तरीके खोजने के लिए लगातार नवाचार किया जा रहा है और वीएचई उस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।'
सर्वेक्षण में पाया गया कि 31 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कर्मियों को काम पर रखने के लिए आभासी नियुक्ति प्रक्रिया को श्रेय दिया, जबकि अन्य 28 प्रतिशत ने कहा कि इस दृष्टिकोण से लचीलापन एवं सुविधा मिलती है, जो आज के समय नौकरी चाहने वालों के लिए प्राथमिकता है। लगभग पांच नियोक्ताओं में से एक ने यह भी कहा कि भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन प्रक्रिया को शामिल करने से पूर्वग्रह कम हो गए हैं।
चाहे वह मध्यम या बड़ी कंपनियां हों, वैश्विक कंपनियां हों, एसएमई हों या स्टार्टअप हों, पांच में से चार से अधिक नियोक्ताओं ने बताया कि उन्होंने महामारी के दौरान ही आभासी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया का इस्तेमाल शुरू किया है।
26 प्रतिशत नियोक्ताओं ने आभासी तरीके को बेहतर एवं प्रभावी अनुभव बताया तथा शेष 22 प्रतिशत का मानना है कि यह हालिया चुनौतियों का समाधान करते हुए एक बेहतर रास्ता है।
विभिन्न क्षेत्रों के संदर्भ में, अध्ययन बताता है कि बीपीओ / आईटीईएस (95 प्रतिशत), मीडिया और मनोरंजन (90 प्रतिशत) और दूरसंचार (87 प्रतिशत) क्षेत्रों में नई तकनीकें अपनाई जा रही हैं और अधिकांश भर्तियां ऑनलाइन तरीके से की जा रही हैं। वहीं, भौतिक श्रम पर निर्भर क्षेत्रों, जैसे निर्माण एवं अचल संपत्ति (98 प्रतिशत), विनिर्माण (97 प्रतिशत), कृषि (95 प्रतिशत) और खुदरा (93 प्रतिशत) क्षेत्र आमने-सामने होकर नियुक्ति को ही पसंद कर रहे हैं।
वित्तीय सेवाओं (91 प्रतिशत), विपणन एवं विज्ञापन (89 प्रतिशत) और स्वास्थ्य एवं फार्मा (87 प्रतिशत) क्षेत्र के नियोक्ता नौकरियों के लिए हाइब्रिड दृष्टिकोण पसंद करते हैं। दूसरी ओर, आभासी साक्षात्कार / वीडियो कॉन्फ्रेसिंग (29 प्रतिशत) का तरीका नियोक्ताओं द्वारा सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला तरीका रहा।
दूरदराज से काम करने को लेकर साल 2020 में तेजी आई है और प्लेटफॉर्म पर घर से रहकर काम करने वाली नौकरियों की खोज में मार्च के बाद से 362 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गार्टनर के एक डेटा का हवाला देते हुए, कुमार ने यह भी कहा कि 80 प्रतिशत नियोक्ता कर्मचारियों के काम करने के तौर-तरीके लचीले बना रहे हैं। उन्होंने कहा, 'नई कंपनियों, आईटी, मीडिया, टेलीकॉम, स्टार्टअप आदि के साथ यह चलन काफी मजबूत हो रहा है और ये ज्यादा तेजी के साथ नई तकनीकें अपना रहे हैं।' इस बीच, छोटे और मझोले शहरों में भी दूरस्थ काम करने का चलन बढ़ रहा है। कुमार कहते हैं, 'यह सभी तरह के उद्योगों पर लागू नहीं होता है लेकिन जहां भी संभव हो, जैसे आईटी आदि क्षेत्र की कंपनियां इन्हें बेहतर तरीके से अपना रही हैं। कंपनियां समय के बजाय कर्मियों के योगदान देखेंगी।'
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