पीएफ खाते में एकमुश्त ब्याज! | सोमेश झा / नई दिल्ली December 08, 2020 | | | | |
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि खाते (ईपीएफ) में जमा रकम पर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज जल्द ही एकमुश्त मिल जाएगा। शेयर बाजार में भारी तेजी के बीच ईपीएफओ ने शेयरों में निवेश से भारी मुनाफा कमाया है और दिसंबर में उसे उम्मीद से अधिक प्रतिफल प्राप्त हुआ है। ईपीएफओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि बाजार में तेजी के कारण तीन महीने पहले लगाए अनुमान के मुकाबले ईपीएफओ की झोली में दोगुनी अधिशेष रकम जमा हो गई है।
इससे उत्साहित होकर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को करीब 19 करोड़ ईपीएफ खातों में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज एकबारगी जमा करने के लिए पत्र लिखा है। इस बारे में एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, 'केंद्रीय रोजगार एवं श्रम मंत्रालय की सिफारिश फिलहाल विचाराधीन है और वित्त मंत्रालय एक सप्ताह के भीतर इस पर मुहर लगा सकता है। श्रम मंत्रालय ने अब एकबारगी ब्याज खाते में डालने का प्रस्ताव दिया है।'
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने सितंबर में कोविड-19 की वजह से ईपीएफओ खाते में जमा रकम पर अर्जित ब्याज दो किस्तों में डालने की घोषणा की थी। ईपीएफओ ने तय किया था कि 8.15 प्रतिशत ब्याज तत्काल खातों में डाले जाएंगे और शेष 0.35 प्रतिशत शेयरों की बिक्री से प्राप्त रकम से दी जाएगी। हालांकि ईपीएफओ ने ब्याज खाते में डालने से पहले शेयरों में निवेश पर प्राप्त प्रतिफल की समीक्षा के लिए दिसंबर तक इंतजार करने का निर्णय लिया। ईपीएफओ अधिकारी ने कहा, 'दिसंबर तक धैर्य बनाए रखने से सभी को लाभ हुआ है। उपभोक्ताओं के खातों में ब्याज आने में थोड़ा अधिक समय जरूर लगा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि ईपीएफओ को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की बिक्री से अधिक आय की प्राप्ति हुई है। 8.5 प्रतिशत ब्याज दर देने के बाद भी हमारे पास 1,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त रकम बच जाएगी।'
सितंबर में जब ईपीएफओ ने दो किस्तों में ब्याज देने का निर्णय लिया था तो उस समय इसके पास 500 करोड़ रुपये थे। अधिकारी ने कहा, 'ईटीएफ में निवेश से इतना शानदार प्रतिफल मिला है कि हम उपभोक्ताओं को 8.60 प्रतिशत ब्याज दे सकते हैं। चूंकि, ईपीएफओ न्यास ने इस वर्ष 8.50 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय लिया है, इसलिए हम फिलहाल इतना ही ब्याज देंगे।'
ईपीएफओ ने वर्ष 2016 में ईटीएफ में किए निवेश वित्त वर्ष 2020 में भुनाने का अनुमान लगाया था और उसे इससे 2,800 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी। यह लेनदेन मार्च 2020 में होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से बाजार में भारी बिकवाली के बाद ज्यादातर शेयर निवेशकों के प्रतिफल पर चोट पड़ी थी।
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