पुराने थर्मल बेच सकेंगे बिजली! | रॉयटर्स / बेंगलूरु December 06, 2020 | | | | |
केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कोयले से चलने वाले त्याग दिए गए बिजली संयंत्रों से बिजली की बिक्री जारी रखने का प्रस्ताव किया है। रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक पत्र के मुताबिक खरीदारों के साथ मौजूदा समझौते खत्म होने के बाद भी बिजली की बिक्री जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि देश ने प्रदूषण रोकने के लिए पुराने संयंत्रों को बंद करने का वादा किया था। शुक्रवार के मसौदा प्रस्ताव में मंत्रालय ने कहा है कि अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो इससे पुराने संयंत्रों को अतिरिक्त राजस्व कमाने, कम अवधि के बिजली बाजारों से नकदी बढ़ाने और सस्ती बिजली की आपूर्ति कर राज्य वितरण कंपनियों की सहायता करने में मदद मिलेगी।
राज्यों के बिजली विभागों और एनटीपीसी लिमिटेड जैसी सरकार द्वारा संचालित संयंत्रों के प्रमुखों को भेजे गए पत्र में कहा गया है, 'यह ग्राहकों के हित में है कि बिजली का शुल्क यथासंभव कम रखा जाए।' मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के कदम से एनटीपीसी जैसे केंद्र सरकार द्वारा संचालिज बिजली उत्पादकों को किसी भी तरीके से बिजली बेचने में मदद मिलेगी, जब वे समझौते की अवधि पूरा कर लेंगी। बिजली मंत्री आरके सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके पहले कहा था कि वे कोयला से चलने वाले पुराने बिजली संयंत्रों को बंद करने को इच्छुक हैं। पर्यावरण मंत्रालय भी हरित कानून का पालन न करने वाले कोयला संयंत्रों को बंद करने को लेकर दबाव बना रहा है, जिनकी भारत के औद्योगिक प्रदूषण में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके नतीजे अभी साफ नहीं हैं। बिजली मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र द्वारा संचालित बिजली उत्पादकों के प्रमुखों से इस मसले पर राय मांगी है। इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला होना बाकी है। रविवार को बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ अक्षम बिजली संयंत्रों को बंद किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, 'सस्ती बिजली मुहैया कराने वाले लागत प्रभावी संयंत्रों को परिचालन की अनुमति होगी। छोटे, अकुशल संयंत्र बंद किए जाएंगे।'
डिस्कॉम पर बकाया 1.38 लाख करोड़ रु
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अक्टूबर, 2020 में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़कर 1,38,187 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अक्टूबर, 2019 तक बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,06,734 करोड़ रुपये था। पेमेंट रैटिफिकेशन ऐंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। बिजली उत्पादकों तथा वितरकों के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। अक्टूबर, 2020 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर बकाया राशि 1,25,743 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले 93,559 करोड़ रुपये थी। पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में कुल बकाया इससे पिछले महीने की तुलना में बढ़ा है। सितंबर, में डिस्कॉम पर बकाया 1,36,566 करोड़ रुपये था।
|