बंद को विभिन्न दलों का समर्थन | संजीव मुखर्जी और एजेंसियां / नई दिल्ली December 06, 2020 | | | | |
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के बंद के आह्वान के पहले कुछ राजनीतिक दलों व बैंक कर्मचारी संगठन जैसे अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों द्वारा उठाए गए मसलों पर अपनी प्रतिक्रिया को अंतिम रूप देने और सभी को संतुष्ट करने की राह निकालने की कवायद में लगी है। कृषि संगठनों के नेताओं ने आज आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक बार फिर तीनों कानून और मसौदा बिजली विधेयक 2020 को भी वापस लिए जाने की अपनी मांग पर जोर दिया।
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे एक संगठन आल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'केंद्र सरकार समझौते के विभिन्न विचार पेश कर रही है, जबकि समझौते का कोई सवाल ही नहीं है। किसान जीवन के अधिकार और आजीविका के अधिकार के अपने संवैधानिक अधिकारों पर कोई समझौता नहीं कर सकते और सरकार संविधान प्रदत्त ये अधिकार नहीं छीन सकती।' राजनीतिक दलों में कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक और आप के साथ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों द्वारा 8 दिसंबर को आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।
तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामदलों के अलावा 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने शनिवार को देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गतिरोध जारी रहता है तो यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। कांग्रेस की ओर से हड़ताल का पूरी तरह समर्थन करते हुए पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी हर जिले व राज्यों के मुख्यालयों पर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करेगी। टीआरएस के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि उनकी पार्टी सक्रिय रूप से बंद में शामिल होगी। तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले विपक्ष ने किसानों का समर्थन किया है।
|