दो साल तक डेरिवेटिव रिकॉर्ड रखे बैंक : आरबीआई | अनूप रॉय / मुंबई December 06, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप जैसे डेरिवेटिव के साथ काम करने वाले बैंकों से अपने सभी रिकॉर्ड कम से कम दो साल तक रखने को कहा है और उनसे मार्केट-मेकर जैसे उत्पाद में सौदे नहीं करने को कहा है। डेरिवेटिव्स की इस सभी मूल्य निर्धारण और समय समय पर मूल्यांकन प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखे जाने की जरूरत होगी, और यदि इसके लिए पहले से ही मजबूत मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है तो ऐसे मॉडल को समझने और उसकी जानकारी रखने की जरूरत होगी। यदि कुछ गैर-अवलोकन योग्य है जो उसका इस्तेमाल उचित होना चाहिए और गणनाओं का दस्तावेजीकरण होना चाहिए।
उत्पाद के विक्रेता को उत्पाद के खरीदार के बारे में उचित छानबीन करनी होगी, और सिर्फ ऐसे उत्पाद ही बेचे जा सकेंगे जो ग्राहक लक्ष्य ओर जोखिम क्षमता के अनुरूप हों। डेरिवेटिव्स के लिए आरबीआई द्वारा जारी मसौदा दिशा-निर्देशों में कहा गया है, 'उत्पाद सिर्फ उन उपयोगकर्ताओं के लिए पेश किया जाना चाहिए जिन्हें उत्पाद के स्वरूप और जोखिम को समझने का अच्छा अनुभव हो, और जो इन जोखिम को सहन करने के लिए वित्तीय रूप से सक्षम हों।' इसके अलावा, उपयोगकर्ता को मुहैया कराए जाने वाले उत्पाद के अनुरूप व्यवसाय, वित्तीय परिचालन, कौशल, जोखिम प्रबंधन ढांचे और आंतरिक नीतियों से जुड़ा होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि ऐसे कुछ खास डेरिवेटिव उत्पादों को नहीं बेचा जा सकेगा जिन्हें ग्राहक अच्छी तरह से नहीं समझते हैं। इस क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि यदि इन्हें बेचा जाता है तो किसी तरह के नुकसान की जिम्मेदारी बिक्रेता की होगी।
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा था कि वह डेरिवेटिव्स उत्पादों के लिए नए मसौदा दिशा-निर्देशों की घोषणा करेगा, जिनमें क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप भी शामिल है, जिन्हें खरीदार चूक से बचने के लिए बीमा के तौर पर खरीदता है। इसी तरह, केंद्रीय बैंक ने मनी मार्केट योजनाओं के लिए भी मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें जमा पत्र (सीडी) और वाणिज्यिक पत्र (सीपी) शामिल हैं। अपनी नीति में आरबीआई ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को आरबीआई की दैनिक तरलता समायोजन सुविधा में भाग लेने की अनुमति दी। केंद्रीय बैंक ने स्पष्टï किया है कि सीपी और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (या कॉरपोरेट बॉन्डोंं के लिए भुगतान के संबंध में कोई ग्रेस पीरियड नहीं होगा।
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