लाखों लोगों को घंटों परेशान नहीं रख सकते: आरबीआई | अनूप रॉय / मुंबई December 04, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक के डिजिटल कारोबार विस्तार पर लगाई गई फौरी रोक पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि डिजिटल बैकिंग के दौर में आईटी सिस्टम दुरुस्त किए बगैर कारोबार बढ़ाने से लाखों लोग प्रभावित होते हैं।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को संवाददाताओं से ऑनलाइन चर्चा के दौरान एचडीएफसी प्रकरण में केंद्रीय बैंक के कदम को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग में पहले से ही जबरदस्त मौजूदगी रखने वाले एचडीएफसी बैंक को अपनी सेवा बेहतर ढंग से देने पर ध्यान देना चाहिए था। उन्होंने कहा, आप हजारों-लाखों ग्राहकों को कई घंटों तक डिजिटल बैंकिंग सेवा के इस्तेमाल से दूर नहीं रख सकते हैं। अमूमन आरबीआई किसी एक बैंक या खाते के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करता है लेकिन इस बार आरबीआई गवर्नर ने इस रवायत को तोड़ दिया। अभी तक बैंकों की चूक सामने आने पर आरबीआई उन पर जुर्माना लगाता रहा है लेकिन एक बैंक को खास तरह के कारोबार से
रोक देने के बारे में पहले कभी नहीं सुना गया था।
दरअसल आरबीआई ने बीते दो वर्षों में एचडीएफसी बैंक की इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग एवं भुगतान सेवाओं में कई बार आए तकनीकी व्यवधान को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। गत 21 नवंबर को भी बैंक के प्राथमिक डेटा केंद्र में बिजली ठप होने से इंटरनेट बैंकिंग एवं भुगतान प्रणाली ठप हो गई थी।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, एचडीएफसी बैंक के मामले में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी थीं। डिजिटल भुगतान वर्ग में जबरदस्त मौजूदगी रखने वाले बैंक की खामियों को लेकर हमारी कुछ चिंताएं हैं। लिहाजा हमें यह जरूरी लगा कि एचडीएफसी बैंक अपना विस्तार करने के पहले अपनी सुरक्षा एवं आईटी प्रणाली को मजबूत करे। दिसंबर 2019 में भी एचडीएफसी बैंक की डिजिटल सेवाएं दो दिनों तक ठप हो गई थीं। उस समय भी आरबीआई ने हालात की समीक्षा करने के बाद एक टीम भेजी थी। उसके पहले नवंबर 2018 में एचडीएफसी बैंक को अपना नया मोबाइल बैंकिंग ऐप तकनीकी खामियों के चलते वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
आरबीआई भारतीय स्टेट बैंक के योनो ऐप के ठप होने की भी पड़ताल कर रहा है।
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