एम्बेसी समूह व अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फंड मैनेजर वारबर्ग पिनकस के संयुक्त उद्यम एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियां ईएसआर व इंडोस्पेस के बीच सौदे पर बातचीत मूल्यांकन में अंतर के कारण अटक गई है। एक सूत्र ने कहा, कंपनी ने ईएसआर व इंडोस्पेस के साथ एक के बाद एक करार की शर्तों पर हस्ताक्षर किए, लेकिन मूल्यांकन पर मतभेद के कारण बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। सूत्रों ने कहा कि बोली और मांगी गई कीमत के बीच अंतर 10 फीसदी से कम है। संयुक्त उद्यम 1,700-2,000 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर कारोबार के मुद्रीकरण पर विचार कर र हा था। वह संयुक्त उद्यम की पूरी हो चुकी व निर्माणाधीन संपत्तियों को भुनाना चाहता है। संयुक्त उद्यम में वारवर्ग पिनकस की 70 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि एम्बेसी की 30 फीसदी। यह उद्यम 2015 में गठित हुआ था। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की कैपिटल मार्केट टीम प्रस्तावित सौदे में एम्बेसी समूह की मदद कर रही है। एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स पुणे के चाकण, तमिलनाडु में श्रीपेरुंबदूर और होसूर, फर्रुखनगर और बिलासपुर और हैदराबाद के कोथूर में वेयरहाउसिंग परियोजनाएं विकसित कर रही है। संयुक्त उद्यम का कुल पोर्टफोलियो 1.5-1.6 करोड़ वर्गफुट है, जिसमें से 40 लाख वर्गफुट परिचालन में है। इंडोस्पेस को वैश्विक इन्वेस्टमेंट मैनेजर व लॉजिस्टिक्स व रियल एस्टेट टेक्नोलॉजी फर्म जीएलपी व वैश्विक रियल एस्टेट ऑपरेटर रियलटर्म का समर्थन हासिल है। इंडोस्पेस कोर की स्थापना इंडोस्पेस व कनाडा के पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड के बीच संयुक्त उद्यम के तौर पर हुई थी, जहां कनाडा पेंशन इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने बहुलांश हिस्सेदारी के लिए 50 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता जताई थी। ईएसआर हॉन्ग-कॉन्ग की लॉजिस्टिक्स कंपनी है और उसे भी वारबर्ग पिनकस का समर्थन हासिल है। सिंगापुर के सॉवरिन फंड जीआईसी की ईएसआर के साथ पहले दौर की बातचीत हुई थी, जो ईएसआर के भारत केंद्रित दूसरे लॉजिस्टिक्स फंड में निवेश के लिए हुई थी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ई-कॉमर्स में तेज बढ़ोतरी व जीएसटी लागू होने के बाद पिछले पांच साल में कई कंपनियों ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कदम रखा। एम्बेसी व वेलस्पन जैसी देसी कंपनियां इसमें उतरी, वहीं पीई फंड जैसे वारबर्ग पिनकस ने इस क्षेत्र में सक्रियता से निवेश किया। कोलियर्स इंटरनैशनल के मुताबिक, इस क्षेत्र में कई बड़े संस्थागत निवेशकों का ध्यान आकर्षित हुआ और साल 2017 से अब तक 27,800 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। 2017 से 2020 की पहली छमाही तक इस क्षेत्र ने कुल पीई निवेश का 17 फीसदी हिस्सा हासिल किया।
