सूचीबद्घ पैकेजिंग कंपनियां पिछले 6 महीनों के दौरान सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयरों में शामिल रही हैं और इनमें 50 से 100 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई।यह तेजी डिब्बाबंद भोजन और उत्पादों के लिए बढ़ी रही मांग की वजह से आई है। खासकर, एफएमसीजी और दवा कंपनियों से इन उत्पादों की मांग बढ़ी है।जहां ईपीएल, हुटामाकी इंडिया, और मोल्ड-टेक पैकेजिंग में 48-76 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, वहीं यूफ्लेक्स इस अवधि के दौरान लगभग दोगुना हो गया। खपत सेगमेंट से अच्छी मांग के अलावा, संगठित सेगमेंट में भी बाजार भागीदारी बढऩे की संभावना है।फिलिपकैपिटल (इंडिया) के अनुसार बड़ी और संगठित क्षेत्र की कंपनियां अच्छी स्थिति में हैं। यह क्षेत्र समेकन की दिशा में बढ़ रहा है और कई छोटी कंपनियों को आपूर्ति शृंखला और कार्यशील पूंजी संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।कुल मिलाकर पैकेजिंग क्षेत्र के सालाना 10 प्रतिशत की दर से बढऩे और 2022-23 तक 64,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो 2017-18 में 37,000 करोड़ रुपये पर था।बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे बड़ी सूचीबद्घ कंपनी ब्लैकस्टोन नियंत्रित ईपीएल (पूर्व में एस्सेलप्रोपैक) है। कंपनी ने हाल में प्लास्टिक ट्यूब निर्माता क्रिएटिव स्टाइलो पैक का 250 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। यह अधिग्रहण कंपनी की वित्त वर्ष 2020 की उद्यम वैल्यू-परिचालन लाभ के 8 गुना पर किया गया और अधिग्रहीत कंपनी का मार्जिन 30 प्रतिशत पर है, जबकि ईपीएल का वित्त वर्ष 2020 का मार्जिन 20 प्रतिशत पर है।क्षमता और उत्पादन में वृद्घि के अलावा, इससे ब्यूटी/कॉस्मेटिक और फार्मा सेगमेंटों में ईपीएल की भागीदारी बढऩे की भी संभावना है।मजबूत बैलेंस शीट और पूंजी-सक्षम वृद्घि पर प्रबंधन के प्रयासों को देखते हुए एडलवाइस रिसर्च के विश्लेषकों को कंपनी की आय वित्त वर्ष 2020-22 की अवधि के दौरान सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढऩे की संभावना है।अन्य कंपनी स्ट्रीट ने हुटामाकी इंडिया पर सकारात्मक रुख अपनाया है। हुटामाकी इंडिया का 80 प्रतिशत राजस्व एफएमसीजी क्षेत्र से और इसका आधा राजस्व फूड सेगमेंट से आता है।फिलिपकैपिटल के दीपक अग्रवाल का मानना है कि बढ़ती एफएमसीजी मांग, नई उत्पाद पेशकशों, और ग्राहकों की ऊंची वॉलेट भागीदारी से कंपनी का मार्जिन और प्रतिफल अनुपात सुधरेगा।मोल्ड-टेक पैकेजिंग और यूफ्लेक्स में भी अच्छी तेजी आने की संभावना है।
