टाटा संस एयर एशिया इंडिया में वित्त वर्ष 2021 के अंत तक अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 76 फीसदी करने की योजना बना रही है। घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने इसकी जानकारी दी। अगर टाटा समूह एयर इंडिया का अधिग्रहण करने में सफल रहता है तो समूह विमानन कारोबार को एयर इंडिया की किफायती सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ एकीकृत कर सकता है। एयर एशिया इंडिया में टाटा की हिस्सेदारी बढऩे से मलेशिया की प्रमुख कंपनी एयर एशिया बरहाद के लिए संयुक्त उपक्रम से निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा। एयर एशिया इंडिया के संयुक्त उपक्रम में एयर एशिया बरहाद की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। एयर एशिया समूह ने हाल ही में कहा था कि वह संयुक्त उपक्रम में अपने निवेश की समीक्षा कर रहा है क्योंकि समूह पर खासा वित्तीय दबाव है। मामले के जानकार एक शख्स ने कहा, 'कुछ समय तक एयर एशिया बरहाद विमानन कंपनी में अल्पांश हिस्सेदारी बनाए रखेगी लेकिन अंतत: यह टाटा एयरलाइंस में बदल जाएगी।' वर्तमान में विमानन कंपनी के परिचालन के लिए टाटा संस ने पैसे दिए हैं। टाटा संस ने वैकल्पिक परिवर्तनीय डिबेंचर (ओसीडी) के जरिये कंपनी में करीब 650 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बाद में टाटा संस कर्ज को इक्विटी में बदल सकती है। इससे एयर एशिया बरहाद की हिस्सेदारी भी कम होगी जो संयुक्त उपक्रम से निकलने की संभावना तलाश रही है। उक्त शख्स ने कहा, 'कंपनी 31 दिसंबर से पहले राइट निर्गम ला सकती है। एयर एशिया बरहाद राइट निर्गम में प्रतिभागिता नहीं करेगी, ऐसे में टाटा संस अपने ओसीडी के बराबर हिस्से को इक्विटी में बदलेगी।' टाटा संस ने ओसीडी के जरिये करीब 550 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। टाटा समूह आंतरिक स्तर पर विमानन कंपनी की नए सिरे से ब्रांडिंग करने पर चर्चा कर रही है, जिसका नाम मलेशियाई साझेदार के संयुक्त उपक्रम से निकलने के बाद बदला जा सकता है। इसके लिए दो नाम - टाटा एयरलाइन या टाटा एक्सप्रेस पर विचार किया जा रहा है। उक्त व्यक्ति ने कहा, 'अभी नाम पर निर्णय नहीं हुआ है लेकिन इसके नाम में टाटा ब्रांड शामिल होगा। आगे चलकर विमानन कंपनी को टाटा ब्रांड नाम के साथ पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी क्योंकि एयर एशिया समूह के साथ होने से वह ऐसा नहीं कर पा रही है।' विमानन कंपनी का एयर एशिया मलेशिया के साथ ब्रांड लाइसेंसिंग करार है जो 31 मार्च, 2021 तक वैध है। मलेशियाई साझेदार पर निर्भरता खत्म करने की कवायद एक साल पहले ही शुरू हो गई थी जो अब अंतिम चरण में है। एयर एशिया इंडिया का दफ्तार गुरुग्राम में है और इसने बेंगलूरु में कू्र प्रशिक्षण इकाई भी खोली है। विमानन कंपनी की फरवरी से अपनी वेबसाइट होगी, जिसे अमेरिका की ट्रैवल तकनीक कंपनी नेविटायर ने तैयार किया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) क्रू शेड्यूलिंग सॉफ्टवेयर बना रही है, जबकि अभी इसका संचालन कुआलालंपुर से किया जाता है। टाटा समूह से भरोसा मिलने के बाद एयर एशिया इंडिया के प्रबंधन ने अपने ट्रैवल एजेंट साझेदारों, विमानन के पट्टादारों और कर्मचारियों को भरोसा दिया है कि कंपनी के परिचालन बंद होने का खतरा नहीं है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी अंकुर गर्ग ने कहा, 'एयर एशिया इंडिया अपने नेटवर्क और परिचालन के विस्तार के द्वारा भारतीय बाजार में सेवा प्रदान करने की राह पर है।'
