कोविड-19 से संबंधित लॉकडाउन के कारण बिना बिके मकानों को बेचने में लगने वाला समय वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही के अंत में बढ़कर 19 तिमाही से ऊपर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2020 के आखिर में 15 तिमाही से अधिक था। इंडिया रेटिंग्स ने डेटा विश्लेषण कंपनी लाइसेस फोरास के हवाले से कहा कि इसकी वजह पहली तिमाही में कमजोर बिक्री और दूसरी तिमाही मं सुस्त सुधार है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि छह अहम बाजारों में हैदराबाद और बेंगलूरु में बिना बिके मकानों को बेचने के लिए सबसे कम तिमाही की जरूरत है। वहीं चेन्नई में बिना बिके मकानों का स्टॉक सबसे अधिक है। इसके बाद मुंबई महानगर क्षेत्र का स्थान है। देश के शीर्ष छह शहरों में वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में आवासीय बिक्री 50 फीसदी घटकर 6.8 करोड़ वर्ग फुट रही। कोविड-19 से संबंधित लॉकडाउन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और बेंगलूरु में वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में बिक्री में सालाना आधार पर सबसे अधिक (55 फीसदी से अधिक) गिरावट आई। इसके अलावा किफायती आवास खंड (50 लाख रुपये तक के घर) का कुल बिक्री में हिस्सा सालाना आधार पर मामूली गिरकर 33 फीसदी रहा। यह वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 35 फीसदी था। इसने कहा, 'एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में आवासीय क्षेत्र प्रदर्शन लगातार कमजोर बना हुआ है, जिससे निवेशकों की मांग पर असर पड़ रहा है।'
