भारत के नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने विवादित परिसंपत्ति बिक्री सौदे के लिए एमेजॉन डॉटकॉम के प्रयासों को लेकर समय पर खुलासा नहीं करने के लिए फ्यूचर रिटेल को नियामकीय कार्रवाई की चेतावनी दी है। रॉयटर्स द्वारा पढ़े गए ई-मेल संदेशों में यह जानकारी दी गई है। देश की प्रमुख रिटेलरों में से एक फ्यूचर रिटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 3.4 अरब डॉलर के रिटेल परिसंपत्ति सौदे को लेकर एमेजॉन के साथ विवाद में फंसी हुई है। एमेजॉन फ्यूजर की व्यावसायिक भागीदार है और उसका तर्क है कि भारतीय कंपनी की परिसंपत्ति बिक्री उसके कुछ पुराने समझौतों का उल्लंघन है। एमेजॉन ने स्टॉक एक्सचेजों के समक्ष की गई शिकायत में फ्यूचर पर गलत बाजार खुलासे कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। एमेजॉन द्वारा 25 अक्टूबर को फ्यूचर-रिलायंस सौदा रोकने के लिए मध्यस्थ से रोक आदेश हासिल करने के बाद यह आरोप सामने आया है। शुरू में एनएसई और फ्यूचर के बीच आदान-प्रदान किए गए ईमेल संदेशों में कहा गया था कि स्टॉक एक्सचेंज ने बार बार कंपनी से मध्यस्था आदेश की ज्यादा जानकारी सौंपने को कहा, और वित्त, ऋणदाताओं और रिलायंस सौदे पर संभावित प्रभाव की जानकारी मांगी। 27 अक्टूबर को, एनएसई ने फ्यूचर से पूछा था कि उसने मध्यस्थता प्रक्रियाओं की शुरुआत के बारे में खुलासा क्यों नहीं किया था और इस आदेश के प्रभाव को साझा नहीं किया। लेकिन फ्यूचर ने कहा कि उसका मानना है कि खुलासा करने की जरूरत नहीं थी। एनएसई के सूचीबद्घता अनुपालन खंड ने इस तर्क को नकार दिया। ईमेल संदेश में कहा गया है कि कुछ ही घंटों में इस तरह के खुलासे जरूरी हैं जिनमें विफल रहने पर उचित कार्रवाई शुरू की जा सकती है। फ्यूचर रिटेल के कंपनी सचिव वीरेंद्र समानी ने 30 अक्टूबर की रात ईमेल में एनएसई के कई सवालों का जवाब देते हुए कहा वह सभी हितधारकों के हित में ऐसा कर रही थी। एनएसई के निर्देश पर दो दिन बाद इनमें से कई जवाब फ्यूचर द्वारा एक्सचेंज को भेजी 6 पेज की रिपोर्ट में सार्वजनिक किए गए थे। उससे पहले, फ्यूचर ने ने सिर्फ 26 अक्टूबर को ही खुलासा सौंपा था जिसमें संलग्न मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि रिलायंस के साथ सौदा बिना किसी बाधा के आगे बढ़े। एनएसई और फ्यूचर रिटेल ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।टीका उत्पादन क्षमता बढ़ा रही इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स टीका बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स (आईआईएल) ने बुधवार को तेलंगाना के जीनोम वैली में 75 करोड़ रुपये के निवेश वाले वायरल एंटीजन विनिर्माण संयंत्र पर काम शुरू किया। यह संयंत्र अक्टूबर 2021 तक कंपनी की वायरल टीका बनाने की क्षमता को 35 फीसदी तक बढ़ा देगा। कंपनी के पास उत्पादन के लिए संभावित वायरल टीकों में जिका, डेंगू और वैरिसेला के टीकों के अलावा कोविड-19 का टीका भी शामिल है। इस नए वायरल एंटीजन संयंत्र को विशेष तौर पर विभिन्न टीकों के उत्पादन के लिहाज से तैयार किया जाएगा। कंपनी ने आज एक स्टेराइल फिलिंग संयंत्र का भी उद्घाटन किया जिस पर 75 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। आईआईएल के प्रबंध निदेशक के आनंद कुमार ने कहा, 'हम रणनीतिक निवेश को लेकर काफी आशान्वित हैं क्योंकि भारत वृद्धि के लिए प्रमुख बाजारों में से एक है।' उन्होंने कहा कि इस नए संयंत्र से आईआईएल की विनिर्माण क्षमता 35 फीसदी बढ़ जाएगी और इसे अक्टूबर 2021 तक तैयार होने की उम्मीद है। यह बायोसेफ्टी लेबल 2 और 3 के अनुपालन वाला संयंत्र होगा। बीएस
