अगले महीने से वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन और वातानुकूलित मशीन जैसे घरेलू उपकरण आपकी जेब हल्की कर सकते हैं। ये उपकरण बनाने वाली कंपनियां दिसंबर से इनकी कीमतें कम से कम 3 से 5 प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। इसकी वजह यह है कि जिंसों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे कंपनियों के पास कीमतें बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं रह गया है। स्टील से लेकर तांबे और एल्युमीनियम से लेकर जस्ते तक सभी के दाम में पिछले एक महीने में 5 से 11 प्रतिशत तेजी आई है। इसी दौरान कच्चे तेल के मूल्य में भी करीब 16.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और सोया तेल तथा पाम तेल की कीमतों में भी 9 से 13 प्रतिशत तक की तेजी आई है। सीमेंट की भी यही कहानी है। सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक महीने में सीमेंट के दाम 5 से 15 रुपये प्रति कट्टा तक बढ़ गए हैं। सीमेंट महंगा होने का सीधा असर आवास निर्माण पर पड़ा है। आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे जोर आने तथा रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार होने से सीमेंट की मांग बढ़ी है, जिससे आवास उद्योग के लिए लागत बढ़ गई है। मौजूदा हालात पर आरएमजेड कॉर्प के प्रबंध निदेशक (कार्यकारी बोर्ड) अर्शदीप सेठी ने कहा, 'महंगाई ने रियल एस्टेट क्षेत्रों को दो जगहों पर चोट दी है। पहले तो किराया बढ़ गया है। दूसरा असर यह हुआ है कि इससे जायदाद के मालिकाना हक एवं इसके रखरखाव से जुड़ी दिक्कतें बढ़ गई हैं। महंगाई की वजह से लागत बढ़ रही है, जिसका खमियाजा कम राजस्व के रूप में भुगतना पड़ रहा है। कम से कम ये हालात नकदी की कमी से बेहाल इकाइयों के लिए माकूल नहीं हैं।' एनारॉक प्रॉपर्टीज कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी और जेएलएल इंडिया में मुख्य कार्याधिकारी रमेश नायर का कहना है कि बाजार पहले से ही कमजोर है उसमें निर्माणकर्ताओं (रियल एस्टेट डेवलपर) के पास कीमतें बढ़ाने का विकल्प नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे डेवलपरों की हालत और खराब हो जाएगी। पुरी ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों से रियल एस्टेट क्षेत्र में कीमतें कमजोर रही हैं और महामारी ने हालात पहले से भी खराब कर दिए हैं। खरीदारों को खींचने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों को कई तरह की छूट एवं उपहारों की घोषणाएं करनी पड़ी हैं। जिन मकानों की बिक्री नहीं हो पाई है उन्हें निकालने के लिए डेवलपर कम मुनाफे पर भी सौदा करने के लिए तैयार हैं।' नायर ने कहा कि डेवलपरों का ध्यान इस समय मुनाफा कमाने के बजाय बिक्री बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान इस्पात सहित निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख सामग्री की कीमतें बढ़ गई हैं। इसके साथ ही समय पर श्रमिकों की उपलब्धता भी रियल एस्टेट कंपनियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।' हालांकि वाहन एवं घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए हालात ऐसे नहीं हैं। गोदरेज अप्लायंसेज में कारोबार प्रमुख एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि मौजूदा हालात में कीमतें बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, 'जिंसों की कीमतें चढऩे के बाद भी विनिर्माताओं ने त्योहारों के दौरान उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ाई थीं। हालांकि अब दिसंबर से कीमतें बढऩी तय है।' चीन से सामान की आपूर्ति प्रभावित होने से त्योहारों के दौरान दिक्कतें पेश आईं। खुदरा कारोबारियों और विनिर्माताओं को लैपटॉप, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव तथा रसोई के उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा रहा है। ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन ने कहा कि 1.5 टन क्षमता वाले एयर कंडीशन मशीन में लगने वाले कच्चे माल के दाम में करीब 2 प्रतिशत तेजी आई है। उन्होंंने कहा कि त्योहारों के दौरान दाम नहीं बढ़ाए गए थे, लेकिन अब कीमतें बढ़ेंगी, जिससे मांग थोड़ी प्रभावित हो सकती है। हाल में ही टीवीएस मोटर्स के प्रबंधन ने कहा था कि लागत का बोझ कम करने के लिए इसने अक्टूबर में कीमतें 1 प्रतिशत बढ़ाई थी।
