सरकार कर मामले में वोडाफोन समूह के पक्ष में आए फैसले को चुनौती देने से पहले ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी के मध्यस्थता मामले में फैसले का इंतजार कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। केयर्न एनर्जी ने सरकार द्वारा उसके खिलाफ पिछली तारीख से 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग को अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चुनौती दी है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण का फैसला अगले कुछ दिन में आ सकता है। यदि पंचाट का फैसला भारत के खिलाफ आता है, तो सरकार को ब्रिटेन की कंपनी को 7,600 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। ऐसे में सरकार को केयर्न को रोके गए लाभांश और कर रिफंड के अलावा कंपनी के बेचे गए शेयरों के लिए भुगतान करना होगा। वोडाफोन के बहुचर्चित कर मध्यस्थता मामले में फैसला सरकार के खिलाफ गया है। वहीं केयर्न मामले में यदि फैसला सरकार के पक्ष में आता है, तो किसी तरह का मौद्रिक मुआवजा देने की जरूरत नहीं होगी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यदि मध्यस्थता समिति केयर्न के खिलाफ सरकार की कर मांग को सही ठहराती है, तो उसके लिए वोडाफोन के फैसले को चुनौती देने को लेकर कुछ बाध्यता रहेंगी। लेकिन यदि केयर्न मध्यस्थता फैसला खिलाफ जाता है तो सरकार निश्चित रूप से इसे चुनौती देगी। ऐसे में सरकार को वोडाफोन मामले को भी चुनौती देनी होगी। ऐसा नहीं हो सकता कि सरकार इस खिलाफ फैसले को चुनौती दे और दूसरे में ऐसा नहीं करे। बहुविध संपर्क के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉजिस्टिक्स (माल पहुंचाने) की लागत तथा इसमें लगने वाले समय को कम करने के लिए सरकार शीघ्र ही देश भर में कनेक्टिविटी के लिए बहुविध राष्ट्रीय मास्टर प्लान की घोषणा कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने कहा कि नागर विमानन, नौवहन और रेलवे समेत बुनियादी संरचना से संबंधित सभी मंत्रालयों को देश के विभिन्न उत्पादन केंद्रों को वैश्विक गुणवत्ता वाली बहुविध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 2024 तक की समयसीमा दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव मंत्रिमंडल के पास जाएगा और जब इसे एक बार मंजूरी मिल जाएगी, बुनियादी संरचना से जुड़े सभी मंत्रालयों को तय समयसीमा दे दी जाएगी। महापात्र ने उद्योग संगठन सीआईआई की एमएनसी संगोष्ठी में कहा, 'एक महत्वपूर्ण मुहिम, जिसकी केंद्र सरकार के द्वारा शीघ्र ही घोषणा की जा सकती है, वह आर्थिक गतिविधियों की संभावना वाले देश के हर क्षेत्र में बहुविध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान है।' उन्होंने कहा कि वाणिज्य विभाग के तहत लॉजिस्टिक्स खंड भी एक नीति पर काम कर रहा है, जिसके तहत लॉजिस्टिक्स लागत व समय को कम करने के लिए तय गतिविधियों की पहचान की जाएगी। सचिव ने कहा, 'मुझे यकीन है कि इन पहलों से आप (उद्योग जगत) देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बहुत सारे सुधार होते देखेंगे।' उन्होंने कहा कि अनुपालन का बोझ कम करने के लिए भी काम हो रहा है। हम सभी इस बारे में काम कर रहे हैं।
