युवा भारतीय यात्रियों के बीच कम दूरी पर स्थित जगहों पर घूमने-फिरने के लिए जाने का रुझान बना हुआ है। वे उन जगहों पर पहुंचने के लिए उड़ान लेने के बजाय गाड़ी से जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बात सस्ती विमानन कंपनी एयर एशिया इंडिया के एक सर्वेक्षण में कही गई है। हालांकि इस विमानन कंपनी का अनुमान है कि यह रुझान वर्ष के अंत में बदल जाएगा। विमानन कंपनी ने हाल में करीब 2,400 यात्रियों पर एक सर्वेक्षण किया है। इसमें पाया गया कि 20 से 29 वर्ष तक के हवाई यात्रियों का हिस्सा लॉकडाउन के बाद बढ़कर 42 फीसदी हो गया है, जो लॉकडाउन से पहले 25 फीसदी था। सर्वेक्षण में पाया गया कि 30 से 39 वर्ष की आयु के बीच के हवाई यात्रियों की हिस्सेदारी लॉकडाउन के बाद 49 फीसदी से घटकर 41 फीसदी रह गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद यात्रा करने वाले कुल लोगों में 40 साल से अधिक उम्र के लोग केवल 10 फीसदी थे। लॉकडाउन से पहले इस आयु वर्ग का कुल हवाई यात्रियों में 19 फीसदी हिस्सा था। एयरएशिया के मुख्य विपणन अधिकारी सिद्धार्थ बुटालिया ने कहा, 'लोगों में छुट्टियां मनाने के लिए कम दूरी पर स्थित उन जगहों पर जाने का ज्यादा रुझान है, जहां वे कार से पहुंच सकें। हालांकि हमारा अनुमान है कि यह रुझान बदलेगा। हमारे सर्वेक्षण में लोगों ने कहा कि वे घूमने-फिरने के लिए त्योहार और वर्ष के अंत में जाना चाहते हैं।' गौरतलब है कि एयर एशिया टाटा संस और एयरएशिया बरहाद का संयुक्त उपक्रम है। बुटालिया ने कहा कि विमानन कंपनी ने इस रुझान को मद्देनजर रखते हुए अपने नेटवर्क में फेरबदल किया है। यह नवंबर और दिसंबर में गोवा जैसे पर्यटन स्थलों के लिए ज्यादा उड़ानें शुरू कर रही है। सर्वेक्षण के मुताबिक 50 फीसदी प्रत्युत्तरदाता इस त्योहारी सीजन और 36 फीसदी इस त्योहारी सीजन में यात्रा कर सकते हैं। बुटालिया ने कहा कि ज्यादा लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं, इसलिए वे हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर ज्यादा आश्वस्त हैं। यह विमानन कंपनियों के लिए रेलवे से यात्री हासिल करने का अच्छा मौका है। विशेष रूप से वे यात्री, जो 1एसी, चेयर कार या 2एसी से यात्रा करते हैं। उन्होंंने कहा, 'हमारी इस पर नजर है। हमने पाया है कि हवाई यात्रा और रेलवे में प्रीमियम श्रेणी से यात्रा की लागत लगभग समान है। अगर यात्रा में लगने वाले समय पर गौर करें तो हवाई यात्रा ज्यादा आकर्षक है। अगर उन्हें सही कीमत पर हवाई टिकट मुहैया कराया जाए तो वे आसान से रेलवे को छोड़कर उड़ान लेने को राजी हो सकते हैं।' पहली बार हवाई यात्रा करने वालों में से ज्यादातर प्रवासी कामगार थे, जो लॉकडाउन के दौरान अपने गृहनगर गए थे। बुटालिया ने कहा, 'यह देखना होगा कि क्या उन्हेंं बार-बार हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों में बदला जा सकता है।' देश में कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण दो महीनों के अंतराल के बाद 25 मई से घरेलू यात्री उड़ानें फिर से शुरू हुई थीं। इस विमानन कंपनी के सर्वेक्षण में पाया गया कि 43 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं ने लॉकडाउन से पहले यात्रा की थी, जबकि केवल 25 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं ने लॉकडाउन के बाद जुलाई-अक्टूबर अवधि में यात्रा की। यह भी पाया गया कि 43 फीसदी प्रतिभागियों ने छुट्टियों में यात्रा करना चाहते हैं, 30 फीसदी अपने गृह नगर की यात्रा करना चाहते हैं और 14 फीसदी कारोबरी उद्देश्यों से यात्रा कर सकते हैं। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि कारोबारी यात्रा की मांग अत्यधिक प्रभावित हुई है और लॉकडाउन के बाद के महीनों में लोगों ने दो-तिहाई यात्रा मित्रों एवं संबंधियों से मिलने (जिसमें अपने गृहनगर आना-जाना भी शामिल है) के लिए की हैं।
