प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शीर्ष उद्योगपतियों, तकनीकविदों और स्टार्टअप संस्थापकों से कहा कि देश सूचना युग में बड़ी छलांग लगाने के लिए विशेष रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि अब वक्त ऐसे तकनीकी उपायों का है जो भारत में तैयार हों लेकिन दुनिया भर में लागू हो सकें। बेंगलूरु टेक समिट 2020 के वर्चुअलआयोजन में मोदी ने कहा, 'हमारे पास सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क और सबसे बड़ा बाजार है। हमारे स्थानीय तकनीकी उपायों में यह क्षमता है कि वे वैश्विक स्तर पर अपनी जगह बना सकें।' मोदी ने कहा कि तकनीक के कारण ही सरकार की योजनाएं फाइलों से परे जा सकीं और उन्होंने इतनी तेजी से इतनी बड़ी तादाद में देश के लोगों का जीवन बदलने में मदद की। इसमें लगभग हर परिवार को बिजली उपलब्ध कराना शामिल है। उन्होंने कहा कि तकनीक की बदौलत ही हमें यह भरोसा है कि हम कम से कम समय में देश की बड़ी आबादी को कोविड-19 से सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण कर सकेंगे। मोदी ने कहा, 'जहां तक तकनीक की बात है तो आगे की राह साथ सीखने और आगे बढऩे में निहित है।' उन्होंने कहा कि इस बात से प्रेरित होकर ही देश में बड़ी तादाद में इन्क्यूबेशन सेंटर खुल रहे हैं। मोदी ने कहा कि सरकार स्टार्टअप समुदाय को भी सहायता मुहैया करा रही है और बीते कुछ वर्षों में देश में हैकाथॉन की संस्कृति भी विकसित हुई है। मोदी ने कहा, 'मैंने उनमें से कुछ में शिरकत की है। हमारे युवा मस्तिष्क साथ आकर उन चुनौतियों से पार पाने के तरीकों पर विचार करते हैं जिनसे हमारा देश और हमारी पृथ्वी जूझ रही है। चुनौतियां ही लोगों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं।' मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण लगे वैश्विक लॉकडाउन के बीच देश के तकनीकी उद्योग ने मजबूती दिखाई है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सक्रिय हुआ और उसने तकनीकी उपायों की मदद से घर से या कहीं बाहर से काम करने के लिए जरूरी उपाय मुहैया कराए और जो तकनीकी बदलाव दशक भर में संभव नहीं थे उन्हें कुछ ही महीनों में कर दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी रास्ते में बस एक मोड़ था और आने वाले दिनों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बाजार के क्षेत्र में और अधिक तकनीकी उन्नयन देखने को मिलेगा। रक्षा क्षेत्र में सहायक मोदी ने कहा कि तकनीक रक्षा क्षेत्र में भी सहायक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले युद्ध के नतीजे इस बात से तय होते थे कि किसके पास बेहतर घोड़े और हाथी हैं। उसके बाद बारूदी हथियारों की बारी आई और अब वैश्विक संघर्षों में तकनीक की अहम भूमिका है। सॉफ्टवेयर से लेकर ड्रोन तक तकनीक रक्षा क्षेत्र को नए सिरे से परिभाषित कर रही है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए भी तकनीक सर्वप्रथम है। इसके जरिये सरकार ने मानव गरिमा में इजाफा किया है। उन्होंने कहा कि लाखों किसानों को एक क्लिक के माध्यम से मौद्रिक सहयोग मिलना सुनिश्चित हुआ। कोविड-19 लॉकडाउन के चरम दिनों में तकनीक ने देश के गरीबों को शीघ्र और समुचित सहायता मिलना सुनिश्चित किया। मोदी ने कहा कि तकनीक ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना आयुष्मान भारत की सफलता में भी अहम भूमिका निभाई।डेटा अर्थव्यवस्था इस अवसर पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोविड महामारी ने तमाम दिक्कतें पैदा कीं लेकिन सरकार ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया। उदाहरण के लिए वैश्विक विनिर्माण जगत वैकल्पिक विनिर्माण केंद्रों की तलाश में था। ऐसे में महामारी के दौरान सरकार ने उत्पदन आधारित प्रोत्साहन योजना पेश की। उन्होंने कहा कि वैश्विक और भारतीय कंपनियों ने आने वाले पांच वर्षों में 11 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। उनका प्रस्ताव मोबाइल और उसके कलपुर्जे बनाने का है। इसमें से सात लाख करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता निवेश के क्षेत्र में है। प्रसाद ने कहा कि स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी ऐपल ने महामारी के दौरान अपनी नौ परिचालन इकाइयां और कलपुर्जा निर्माण इकाइयां चीन से भारत स्थानांतरित कर दीं। उन्होंने कहा कि ऐपल बेंगलूरु में गुणवत्तापूर्ण फोनों का उत्पादन शुरू किया है जो भारत में तो बेचे ही जाएंगे, उनका निर्यात भी किया जाएगा।
