रिलायंस ने अर्बन लैडर का किया अधिग्रहण | पीरजादा अबरार / बेंगलूरु November 15, 2020 | | | | |
रिलांयस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की रिटेल इकाई ने बेंगलूरु की ऑनलाइन फर्नीचर रिटेलर अर्बन लैडर में 96 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा 182 करोड़ रुपये से अधिक में हुआ है। इस सौदे से मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस रिटेल को एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और आइकिया के साथ ही पेपरफ्राई जैसी कंपनियों से 32 अरब डॉलर के फर्नीचर बाजार में प्रतिस्पद्र्घा करने में मदद मिलेगी।
आरआईएल की सहायक इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने 182.12 करोड़ रुपये के नकद सौदे में अर्बन लैडर होम डेकॉर सॉल्यूशंस का अधिग्रहण किया है। इस सौदे के तहत अर्बन लैडर की 96 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी गई है। हालांकि रिलायंस के पास कंपनी की शेष 4 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का भी विकल्प है। रिलायंस रिटेल अर्बन लैडर में 75 करोड़ रुपये का और निवेश करेगी। यह निवेश दिसंबर 2023 तक पूरा हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में रिलायंस रिटेल ने
वैश्विक निवेशकों से करीब 47,265 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इन निवेशकों में सिल्वर लेक, केकेआर, जनरल अटलांटिक,
मुबाडाला, जीआईसी, टीपीजी और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी प्रमुख हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस इन पैसों का इस्तेमाल कंपनियों के अधिग्रहण तथा ई-कॉमर्स क्षेत्र में रणनीतिक हिस्सेदारी खरीदने में करेगी। भारत में फर्नीचर का बाजार करीब 32 अरब डॉलर का है जिसके 2023 तक दोगुना होकर 61 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है।
टेकलीगीस एडवोकेट्स ऐंड सोलिसीटर्स के प्रबंध निदेशक सलमान वारिस ने कहा कि इस सौदे से संकेत मिलता है कि रिलायंस ई-कॉमर्स क्षेत्र में पूरा जोर लगा रही है और एमेजॉन तथा फ्लिपकार्ट को टक्कर देने की पूरी तैयारी में है। उन्होंने कहा कि इस सौदे से रिलायंस को नए क्षेत्र में विस्तार करने में मदद मिलेगी।
ग्रेहाउंड रिसर्च में मुख्य कार्याधिकारी संचित वीर गोगिया ने कहा, 'रिलायंस ई-कॉमर्स क्षेत्र में बहुत मजबूत कंपनी बनने जा रही है। अर्बन लैडर में रिलायंस और पूंजी निवेश करेगी। इससे वहे ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम को एकीकृत करने का काम बेहतर तरीके से कर पाएगी क्योंकि पूंजी की कमी के कारण अर्बन लैडर ऐसा नहीं कर पा रही थी।'
ईवाई इंडिया में ई-कॉमर्स एवं कंज्यूमर इंटरनेट के नैशनल लीडर एवं पार्टनर अंकुर पाहवा ने कहा कि फर्नीचर ओम्नी चैनल का कारोबार है और इस सौदे से मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ मजबूत सोर्सिंग से कंपनी को विस्तार करने में सहूलियत होगी।
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