उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में पटाखा व्यापारियों की दीपावली काली हो गई है। दीपावली से दो दिन पहले राजधानी लखनऊ सहित 13 बड़े शहरों में आतिशबाजी की बिक्री एवं इस्तेमाल पर प्रतिबंध से कारोबारियों को करोड़ों की चपत लग गई है। आतिशबाजी के छोटे व्यापारियों के सामने पूंजी डूब जाने का संकट खड़ा हो गया है, वहीं जिन व्यापारियों ने कर्ज लेकर माल खरीदा वह भारी संकट में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश में दीपावली के तीन दिन पहले से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक पटाखों का सीजन रहता है और इस दौरान सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार होता है। अकेले राजधानी लखनऊ में 1,000 से ज्यादा पटाखों के रिटेल व्यापारी हैं जो इसी सीजन में काम करते हैं।
कारोबारियों का कहना है कि ज्यादातर पटाखों का ऑर्डर दिया जा चुका था और माल की डिलिवरी भी हो चुकी है। इन हालात में अब पैसा वापस नहीं मिल सकता और न ही माल वापस होगा। थोक कारोबारियों का कहना है कि पटाखों का कच्चा कारोबार होता है और इसमें वापसी का सौदा नहीं होता है। लिहाजा उनके सारे पैसे डूब गए हैं। वहीं कुछ थोक व्यापारियों का कहना है कि समय मिला होता, तो अपना माल उन शहरों के रिटेल कारोबारियों को बेच सकते थे जहां प्रतिबंध नहीं लगा है पर अब उसकी भी गुंजाइश नहीं है। थोक कारोबारियों का कहना है कि सहालग बेरौनक होने से वहां भी कारोबार न के बराबर रहा है और अब दीपावली में दिवाला निकल गया है।
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता का कहना है कि यदि सरकार को और एनजीटी को प्रतिबंध लगाना था तो यह प्रतिबंध एक माह पूर्व लगना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ नियमों के प्रतिबंध के साथ इसमें छूट देनी चाहिए। लखनऊ पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में हजारों पटाखा व्यापारियों ने अपनी छोटी छोटी पूंजी लगा कर माल खरीद लिया है ऐसे में इस प्रतिबंध से उन आतिशबाजी व्यापारियों के सामने अपनी पूंजी डूबने का संकट खड़ा हो गया है। संजय गुप्ता ने कहा कि उन व्यापारियों की हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी जिन्होंने कर्ज लेकर के माल खरीदा है।
गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने एक आदेश जारी कर लनऊ समेत 13 शहरों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। उनका कहना है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुपालन में यह किया गया है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोयडा, ग्रेटर नोयडा, बागपत, बुलंदशहर, मुरादाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़ और मुजफ्फरनगर में पटाखे बेचने, चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रदेश सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध के मद्देनजर पुलिस को कार्रवाई करने को कह दिया है। पुलिस ने बुधवार से अभियान चलाकर पटाखे जब्त कर उन्हें नष्ट करना शुरु कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पटाखा बेचने पर आयुध अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
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