कोयला नीलामी के अंतिम दिन रिकॉर्ड बोली | श्रेया जय / नई दिल्ली November 10, 2020 | | | | |
निजी कंपनियों के लिए भारत की पहली वाणिज्यिक कोयला नीलामी की समाप्ति सारदा एनर्जी ऐंड मिनरल्स लिमिटेड की रिकॉर्ड बोली के साथ हुई। कंपनी को छत्तीसगढ़ में गारे पालमा-4/7 कोयला खदान मिली, जिसके लिए उसने 66.75 प्रतिशत राजस्व साझा करने की बोली लगाई। नीलामी में यह अब तक की सबसे ज्यादा बोली है, जो एक सप्ताह पहले 19 कोयला खदानों और 42 बोली लगाने वालों के साथ शुरू हुई थी।
नीलामी के मौजूदा दौर में सारदा एनर्जी को यह दूसरी कोयला खदान मिली है। खदान के लिए कुछ प्रमुख बोलीकर्ताओं ने बोली लगाई थी, जिनमें अदाणी, जिंदल पावर, हिंडालको, जेएसडब्ल्यू स्टील के अलावा अन्य शामिल थीं।
केंद्र सरकार पहली बार निजी क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन और बिक्री के लिए कोयला खदानों का आवंटन कर रहीहै। सरकार ने मई महीने में कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 में संशोधन किया था, जिससे गैर खनन, एमएसएमई और विदेशी कंपनियों के लिए नीलामी में हिस्सा लेने की राह खुल सके।
पिछले महीने नीलामी के दो हिस्सों का आयोजन किया गया, जब कंपनियों ने कुल 38 खदानों में से 19 खदानों के लिए पात्रता और शुरुआती मूल्य की पेशकश की अपनी तकनीकी बोली पेश की। पिछले सोमवार को ई-नीलामी की दूसरे व अंतिम दौर की शुरुआत हुई थी।
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कुल मिलाकर क्षमता 5.1 करोड़ टन सालान पहुंच रही है और यह उम्मीद की जा रही है कि इन 19 खदानों से सालाना कुल 6,636 करोड़ रुपये राजस्व का सृजन होगा। खदान वाले राज्य को खदान चालू रहने तक हर साल राजस्व का भुगतान किया जाएगा।
जोशी ने कहा, 'नीलामी की शुरुआत के समय यह उम्मीद की गई थी कि खनन, बिजली और स्वच्छ कोयला क्षेत्रों से जुड़े निवेशक संभावनाओं का दोहन करेंगे। लेकिन यह दिलचस्प है कि बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेने वालों में रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, औषधि आदि जैसे क्षेत्रों के कारोबारी भी शामिल रहे।'
मंत्री ने दावा किया कि वाणिज्यिक खनन से 69,000 कामगारों के लिए रोजगार के अवसर का सृजन होगा। मंत्री ने कहा कि यह अनुमान खनन उद्योग के रोजगार के मानकों के मुताबिक लगाया गया है।
बोली में सफल कंपनियों में अदाणी इंटरप्राइजेज, हिंडालको, वेदांत लिमिटेड, आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग, जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड और कुछ अन्य नई और गैर खनन कंपनियां जैसे अरविंदो रियल्टी, यजदानी इंटरनैशनल, जेएमएस माइनिंग और बोल्डर स्टोन मार्ट शामिल हैं। कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि करीब 65 प्रतिशत बोली लगाने वाले गैर अंतिम उपभोक्ता श्रेणी के हैं और वे सीधे कोयला इस्तेमाल करने वाले नहीं हैं।
जोशी ने कहा कि नीलाम की कई खदानों से राज्यों को 1,048 करोड़ रुपये अपफ्रंट राशि आएगी। उन्होंने कहा, 'इन ब्लॉकों में काम शुरू होने के बाद जल्द ही और राजस्व मिलना शुरू हो जाएगा।'
अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश में पेश किए गए ब्लॉकों की संख्या सबसे ज्यादा है और बोलीकर्ताओं की हिस्सेदारी में 73 प्रतिशत सफलता मिली है, वहीं नीलामी किए गए ब्लॉकों से झारखंड को सबसे ज्यादा 2,690 करोड़ रुपये सालाना राजस्व मिलेगा।
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