हैदराबाद की ग्लैंड फार्मा का 6,400 करोड़ रुपये का आईपीओ उच्च मार्जिन वाले इंजेक्टेबल क्षेत्र पर दांव है। इंजेक्टेबल का विनिर्माण मुश्किल होता है और ऐसे में इस क्षेत्र में कम प्रतिस्पर्धा होती है। देश का सबसे बड़ा आईपीओ उतारने वाली ग्लैंड फार्मा के पास उत्पादों की विस्तृत शृंखला है और जटिल इंजेक्टेबल के विकास, विनिर्माण व विपणन का ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी जेनेरिक इंजेक्टेबल क्षेत्र में बढ़त का मौका हासिल करना चाहती है, जहां 2021-25 के बीच 68 अरब डॉलर की दवा पेटेंट से बाहर हो जाएगी। ज्यादा कीमत वाले उथ्पादों के क्षेत्र में भविष्य अच्छा है, लेकिन बाजार आईपीओ की कीमत को लेकर सहज नहीं है जो मूल्यांकन को उसकी वित्त वर्ष 2020 की आय पर 30 गुना रखता है। सुनीधि सिक्योरिटीज के रणवीर सिंह ने कहा कि मजबूत परिदृश्य को देखते हुए भी पेशकश कीमत महंगी है। ज्यादातर ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 20-23 में राजस्व 20 फीसदी सालाना की रफ्तार से बढ़ेगा और मार्जिन में 120 आधार अंकों का विस्तार होगा (एबिटा में 21 फीसदी सालाना बढ़ोतरी)। आईआईएफएल के विश्लेषकों ने निवेशकों को इस आईपीओ पर दांव लगाने की सलाह दी है क्योंंकि लंबी अवधि के लिहाज से कंपनी में बढ़त की क्षमता है, लेकिन वे अपेक्षाकृत उच्च मूल्यांकन को रेखांकित करते हैं जो अल्पावधि में बढ़त की सीमित गुंजाइश छोड़ता है। बढ़त की क्षमता को अमेरिका में अग्रणी दवा कंपनियोंं की साझेदारी के साथ बिजनेस टु बिजनेस मॉडल के जरिए परिचालन का कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड का सहारा मिला हुआ है, जो उच्च लागत वाले विपणन ढांचे को दरकिनार करता है। भारत में हालांकि यह खुद से विपणन करती है और खुदरा मॉडल अपनाती है। दोनों बाजार कंपनी के राजस्व में 77 फीसदी का योगदान करते हैं। कंपनी चीन, भारत, ब्राजील और बाकी दुनिया के बाजारों में मौके तलाश रही है। कंपनी ने चीन में छह उत्पाद पेश करने के लिए आवेदन किया है और उसकी योजना मंजूरी वाले आवेदन में तेजी लाने की है। कम जोखिम वाले मॉडल के अतिरिक्त कारोबार की अन्य ताकत विनिर्माण आधार है जो अमेरिकी एफडीए के नियमों के मुताबिक है। भारत में कंपनी के सात विनिर्माण संयंत्र हैं, जिसमें चार तैयार फॉम्र्युलेशन संयंत्र और तीन एपीआई संयंत्र हैं। विश्लेषकों ने कहा कि कई कंपनियों के साथ उसके नॉन एक्सक्लूसिव अनुबंध को देखते हुए बी2बी मॉडल उसे अपने कई मॉलिक्यूल में 25-30 फीसदी बाजार हिस्सेदारी का मार्ग दिखाते हैं, ऐसे में उत्पादों के स्तर पर मितव्यियता को बढ़ावा मिलता है। कंपनी का जून तिमाही में परिचालन लाभ मार्जिन 48.5 फीसदी रहा, वहीं परिचालन लाभ में वित्त वर्ष 2018-20 में 36.9 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई।जोमैटो के सीओओ गुप्ता का इस्तीफा फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो के मुख्य परिचालन अधिकारी गौरव गुप्ता अपनी मौजूदा भूमिका से अलग हो रहे हैं। गुप्ता को पिछले साल जोमैटो के सह-संस्थापक के तौर पर पदोन्नति दी गई थी लेकिन अब वह कंपनी के पोषण कारोबार को शुरू करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। गुप्ता ने कर्मचारियों को लिखे एक ईमेल में कहा, 'पिछले पांच वर्षों के दौरान जोमैटो में मेरी यात्रा सबसे अच्छी रही है। कुछ मायनों में यह पूरा एक जीवनकाल लगता है जबकि दूसरे नजरिये से ऐसा लगता है कि हमने अभी-अभी शुरुआत की है।' उन्होंने कहा, 'मैं सीओओ का पद खाली कर रहा हूं। वैसे मैं यह भूमिका नहीं निभा रहा था और यदि जोमैटो में इस पद के लिए कोई बेहतर व्यक्ति को तलाशते हैं तो यह हम सबके लिए अच्छा रहेगा।' गुप्ता ने कहा कि वह कंपनी के पोषण कारोबार को शुरू करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। बीएस
