एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स लिमिटेड की योजना राइट्स इश्यू के जरिये 3,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाने की है, जिसका इस्तेमाल खुदरा व ग्रामीण वित्त समेत कई कारोबारी वर्टिकल की बढ़त को सहारा देने में किया जाएगा। कंपनी के निदेशक मंडल ने इस पेशकश और राइट्स इश्यू के जरिये 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दे दी है और यह कंपनी के पात्र इक्विटी शेयरधारकों को रिकॉर्ड तारीख पर जारी किया जाएगा। कंपनी ने आज बीएसई को यह सूचना दी। इश्यू की कीमत, राइट्स की हकधारिता का अनुपात, रिकॉर्ड तारीख, समय और भुगतान की शर्तों समेत अन्य शर्तें इस दौरान तय की जाएगी। एलऐंडटी फाइनैंस एक होल्डिंग कंपनी है, जिसके विशाखित कारोबारों में खुदरा, हाउसिंग व ग्राणीण वित्त और बुनियादी ढांचे में वित्त उपलब्ध कराना शामिल है। कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात मार्च के आखिर में 21.6 फीसदी था। उसकी मूल कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो, एलऐंडटी फाइनैंस समूह को पूंजी मुहैया कराती है और इस तारीख तक करीब 3,779 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई है। कंपनी के पास इसके अलावा 2,000 करोड़ रुपये का लाइन ऑफ क्रेडिट भी है, जिसका इस्तेमाल आपात समय में किया जा सकता है। मूल कंपनी से पूंजी का सहारा और आंतरिक नकदी संग्रह से एलऐंडटी फाइनैंशियल सर्विसेज समूह की पूंजी पर्याप्त रह सकती है और डेट व नेटवर्थ का अनुपात करीब 7 गुना रह सकता है। यह कहना है रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का। एचडीएफसी, महिंद्रा फाइनैंस और जेएम फाइनैंस समेत कई वित्तीय व हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों ने अपना पूंजी आधार मजबूत करने के लिए वित्त वर्ष 2021 में इक्विटी पूंजी जुटाई है। अगस्त 2020 में एचडीएफसी ने क्यूआईपी के जरिए 10,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाई। कॉरपोरेशन को वॉरंट जारी करने से पर 307 करोड़ रुपये अग्रिम तौर पर मिले। उसी महीने महिंद्रा फाइनैंशियल सर्विसेज ने भी राइट्स इश्यू के जरिये करीब 3,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाई। कंपनी ने 61,77 करोड़ शेयर 50 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से जारी किए, जिसमें 48 रुपये का प्रीमियम शामिल है। एलऐंडटी फाइनैंस का शुद्ध लाभ एकीकृत आधार पर सितंबर तिमाही में 42 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 247.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि प्रावधान में बढ़ोतरी हुई थी। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी ने 174.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। कंपनी का शुद्ध ब्याज मार्जिन और शुल्क दूसरी तिमाही में 6.49 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 6.86 फीसदी के मुकाबले कम है।
