उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनी मैरिको का इरादा डिजिटल ब्रांडों में निवेश जारी रखने का है क्योंकि कंपनी ने मेन्स ग्रूमिंग कैटिगरी में बेआर्डो के अधिग्रहण से कामयाबी का स्वाद चख लिया है। जून तिमाही में मैरिको ने बेआर्डो की मूल कंपनी जेड लाइफस्टाइल से बाकी 55 फीसदी हिस्सेदारी का भी अधिग्रहण कर लिया। कंपनी ने तीन साल पहले उसकी 45 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, मेन्स ग्रूमिंग कैटिगरी में पिछले चार साल में तीन गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है और यह 10,000 करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है और यह कुछ स्टार्टअप की अगुआई में हुआ है। मैरिको की प्रतिस्पर्धी इमामी, विप्रो कंज्यूमर केयर और कोलगेट पामोलिव पहले ही क्रमश: द मैन कंपनी, उस्त्रा और बॉम्बे शेविंग कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर चुकी हैं ताकि इस श्रेणी में डिजिटल मौजूदगी बढ़े। मैरिको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सौगत गुप्ता ने कहा, बढ़त के लिए डिजिटल ब्रांड अच्छे होते हैं और एंटरप्रेन्योर के जरिए आगे बढऩे वाले ब्रांडों में रणनीतिक निवेश की तलाश कंपनी कर रही थी। गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, अधिग्रहण के लिहाज से हम डिजिटल ब्रांडों पर नजर बनाए रखेंगे। ऐसे ब्रांडों (एंटरप्रेन्योर वाले) में निवेश सीखने व बढ़त के लिहाज अच्छा होता है। खास तौर से डिजिटल क्षेत्र में अधिग्रहण के लिए जिनकी पहचान कंपनी ने की है उनमें हेयर केयर, स्किन केयर, मेल ग्रूमिंग, हेल्दी फूड्स व न्यूट्रास्युटिकल्स शामिल है। डिजिटल लगातार एफएमसीजी कंपनियों के लिए प्रमुख स्तंभ बनता जा रहा है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद उपभोक्ताओं ने जीने के लिए ऑनलाइन को अपना जरिया बना लिया। मैरिको की देसी एफएमसीजी कारोबार में ई-कॉमर्स की बिक्री एक साल में पांच फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी हो गई है, जिसकी वजह लोगों के जीने की बदलती आदतें हैं और यह महामारी के बाद देखने को मिली।
