कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के बीच इस साल सितंबर तिमाही में मारुति सुजूकी, हुंडई मोटर और टोयोटा किर्लाेस्कर जैसी यात्री वाहन कंपनियों के वाहनों की व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को थोक में की जाने वाली बिक्री में तेज गिरावट आई है। महामारी के दौर में लोग सार्वजनिक या साझा परिवहन से बचते हुए आवागमन के व्यक्तिगत साधनों को चुन रहे हैं। ऐसे में आलोच्य तिमाही के दौरान वाहन बेड़ों की बिक्री में गिरावट आई है। मारुति सुजूकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, 'साझा और सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों में लोगों की रुचि कम हुई है। वे इनके बजाय व्यक्तिगत साधनों को तरजीह देने लगे हैं। यदि हम अपने पोर्टफोलियो के आंकड़ों को देखें, तो बेड़े की बिक्री में दूसरी तिमाही में 69 फीसदी की गिरावट आई है।' उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर की अवधि को ध्यान में रखें तो पिछले वर्ष की तुलना में बेड़े की बिक्री में गिरावट 77 फीसदी है। श्रीवास्तव ने कहा, इसका परिणाम हुआ कि कुल बिक्री में बेड़ों की हिस्सेदारी पिछले साल के 7 फीसदी से कम होकर मात्र 2.4 फीसदी पर आ गई। मारुति सुजूकी इंडिया हैचबैक, सिडैन, वैन और बहुउपयोगी वाहन (एमपीवी) श्रेणियों में ऑल्टो, वैगनआर, सेलेरियो, इको, टूरएस तथा अर्टिगा जैसे मॉडल वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए पेश करती है। हुंडई मोटर इंडिया बेड़ों की श्रेणी में कॉम्पैक्ट सिडैन एक्सेंट की बिक्री करती है। हुंडई मोटर के भी बेड़े वाहनों में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। हुंडई मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने कहा, 'आवागमन के साझा माध्यमों के बजाय अब मांग व्यक्तिगत साधनों पर केंद्रित हुई है। अत: स्वाभाविक है कि बेड़े के वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है। वित्तपोषण करने वालों के लिए भी मुश्किलें हो रही हैं, क्योंकि इस खंड का भविष्य अनिश्चित लग रहा है। ऐसे में वह सख्ती का पालन कर रहे हैं, जिससे बेड़े के खंड में वाहनों की बिक्री कम हुई है।' उन्होंने यह भी कहा कि कुल बिक्री पर असर नहीं हुआ है, क्योंकि व्यक्तिगत श्रेणी ने भरपाई कर दी है। गर्ग ने कहा, 'हम स्थिति की निगरानी करते रहेंगे। संभव है कि यह कुछ ही समय की बात हो, क्योंकि साझा खंड ने वैश्विक बाजारों में काफी अच्छा किया है।' टोयोटा किर्लाेस्टकर मोटर (टीकेएम) ने भी कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान इनोवा क्रिस्टा की व्यावसायिक बिक्री में गिरावट आई है। टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं सेवा) नवीन सोनी ने कहा, 'बेड़ा खंड बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसमें सचमुच एक ठहराव पर आ गया है। लोग टैक्सियों और साझा कारों में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं। यह बहुत चुनौतीपूर्ण परिदृश्य है। टैक्सी खंड में 15 से 20 फीसदी की गिरावट है।'
