सैट में आरआईएल की याचिका खारिज | समी मोडक / मुंबई November 06, 2020 | | | | |
भारतीय प्रतिभूति एवं अपील पंचाट (सैट) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश को चुनौती देने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की याचिका को खारिज कर दिया। सेबी ने आरआईएल को अपनी पूर्ववर्ती सहायक इकाई रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर सौदे से अनुचित तरीके से प्राप्त 447 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया था। रिलायंस ने सेबी के इसी आदेश को सैट में चुनौती दी थी।
सैट के तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत से सेबी के 24 मार्च, 2017 के आदेश को बरकरार रखने का फैसला सुनाया। आदेश की प्रति फलहाल पंचाट की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराई गई है। मार्च 2017 को सेबी ने आरआईएल को 447 करोड़ रुपये वापस करने के साथ ही उक्त राशि पर नवंबर 2007 से सालाना 12 फीसदी ब्याज लौटाने को कहा था। नियामक का आरोप था कि आरआईएल ने रिलायंस पेट्रोलियम के सौदे में अनुचित तरीके से लाभ कमाया है।
यह मामला 2007 का है, जब आरआईएल के निदेशक मंडल ने रिलायंस पेट्रोलियम की 5 फीसदी हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने की मंजूरी दी थी। रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों में गिरावट की आशंका के बीच आरआईएल ने आक्रामक तरीके से रिलायंस पेट्रोलियम के डेरिवेटिव्स काउंटर में शार्ट पोजिशन ली। सेबी का आरोप था कि कुछ बंदिशों को दरकिनार करने के लिए इस सौदे को 12 इकाइयों के जरिये अंजाम दिया गया था। जांच में पता चला कि इन 12 इकाइयों में से प्रत्येक ने आरआईएल की ओर से सौदे में हिस्सा लिया और 31 मार्च, 2008 में समाप्त वित्त वर्ष में आरआईएल के खाते में इससे हुए मुनाफे को अन्य आय के तौर पर दिखाया गया। आरआईएल ने इसे हेजिंग रणनीति बताते हुए शॉर्ट पोजिशन के अपने कदम का बचाव किया था।
आरआईएल ने मई 2017 को सेबी के आदेश को सैट में चुनौती दी। सैट में इस मामले की सुनवाई तीन साल तक चली। सैट के आदेश के बाद आरआईएल ने आज अपने बयान में कहा, 'कंपनी द्वारा किए गए सभी सौदे वास्तविक और उचित थे। इन सौदों में किसी तरह की अनियमितता नहीं की गई थी।'
आरआईएल ने कहा कि वह सैट के आदेश को चुनौती देने की योजना बना रही है। अपीलीय अदालत के आदेश को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी जा सकती है।
भारत में करें निवेश: मोदी
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