किसी ऐसे दिन में बाजार के हरे निशान में बंद होना सामान्य नहीं कहा जा सकता जब इंडेक्स की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज करीब 9 फीसदी टूट गया हो। शेयर की तरफ से 524 अंकों के नकारात्मक योगदान के बावजूद बेंचमार्क सेंसेक्स 143 अंक के लाभ के साथ बंद हुआ। बैंकिंग शेयरों ने बाजार को आरआईएल के नुकसान की भरपाई करने में मदद की। बैंंक निफ्टी इंडेक्स बैंंकिंग शेयरों के प्रदर्शन की माप करता है और यह 4.2 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ, जो 27 मई के बाद एक दिन की सबसे बड़ी उछाल है। आईसीआईसीआई बैंक 6.3 फीसदी, ऐक्सिस बैंक 6.1 फीसदी, एसबीआई 3.6 फीसदी और एचडीएफसी बैंक 2.7 फीसदी चढ़ा और इन्होंने ही बढ़त की अगुआई की। ऐसे में किन चीजों ने सोमवार को बैंंकिंग शेयरों को आगे बढ़ाया। चार अग्रणी बैंकों बैंंक ऑफ बड़ौदा, ऐक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के अनुमान से बेहतर सितंबर तिमाही के नतीजों ने इस क्षेत्र के शेयरों को आगे बढ़ाया। जिन लेनदारों ने अभी तक नतीजे घोषित नहींं किए हैं उनके शेयर भी आशावाद के कारण चढ़े। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के शोध प्रमुख (संस्थागत इक्विटी) आशुतोष मिश्रा ने कहा कि दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर बढ़त और मुनाफे के मोर्चे पर बेहतरी से पिछले कुछ समय में बैंंकिंग शेयरों में बने शॉर्ट पोजीशन की सोमवार को बिकवाली हुई। मार्च से बैंकिंग शेयर पिछड़ा हुआ है और तब से काफी नकारात्मक पोजीशन बने हैं। दूसरे अहम इंडेक्स कोविड पूर्व के स्तर पर पर पहुंच चुके हैं, लेकिन निफ्टी बैंक इंडेक्स इसमें पीछे छूट गया था। वास्तव में सोमवार के फायदे से इंडेक्स के 24,829 के स्तर पर पहुंचने के बावजूद उसे 30 दिसंबर 2019 के 32,354 अंक के स्तर पर पहुंचने में अभी लंबा सफर तय करना होगा। मिश्रा का मानना है कि बैंंकिंग शेयरों पर सकारात्मक रुख से कुछ मदद मिलेगी, लेकिन सोमवार की तरह तेजी के लिए काफी संकेतक नहीं हैं। यहां से इंडेक्स वैश्विक संकेतों की राह देख सकता है और दिसंबर तक उसी तरह का रुख अपना सकता है जब तक कि कर्ज पुनर्गठन पर स्पष्ट तस्वीर नहीं उभरती। अगर कर्ज पुनर्गठन का अनुपात अनुमान से नीचे रहता है तो विशेषज्ञों का मानना है कि बैंंकिंग शेयरोंं में तेजी जनवरी से देखने को मिल सकती है। मैक्वेरी कैपिटल के सुरेश गणपति ने कहा, मुझे बैंकिंग शेयरों में भारी तेजी से आश्चर्य हुआ। उनके आंकड़ों पर नजर डालें तो वी आकार की रिकवरी हो रही है। उनका मानना है कि अगर मौजूदा रुख जारी रहा और उनके वित्त्त वर्ष 2022 के प्रावधान के अनुमान को देखेंं तो आय में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। ब्रोकरेज हालांकि वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने आय अनुमान में संशोधन कर रहे हैं। मिश्रा का मानना है कि बाजार दिसंबर तिमाही के नतीजे के बाद बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्त्ता की समीक्षा के लिए विराम ले सकता है। उन्होंंने कहा, अब बैंकों ने लाभ व नुकसान विवरण की कीमत पर अग्रिम प्रावधान किया है। दिसंबर में बैलेंस शीट उनके एनपीए पर बेहतर तस्वीर सामने रखेगा। बैंक निफ्टी इस साल पिछड़ा रहा है। इस साल अब तक के आधार पर इंडेक्स 23 फीसदी नीचे है। इसकी तुलना में निफ्टी महज 4 फीसदी नीचे है।
