हाल के सप्ताह में आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख सूचकांक चढ़े हैं, लेकिन इस महीने की शुरुआत के स्तरों के मुकाबले नीचे बने हुए हैं। इससे यह पता चलता है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल है, जिसका जिक्र इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बैंक की एक समिति ने भी किया था। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 7 से 9 अक्टूबर तक हुई बैठक के ब्योरों में कहा गया, 'निजी निवेश और निर्यात दोनों कमजोर रहने के आसार हैं, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि विदेश में मांग अब भी बहुत कम है। इन कारकों और कोविड-19 की स्थिति को लेकर अनिश्चितता को मद्देनजर रखते हुए 2020-21 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि ऋणात्मक रहने के आसार हैं।' बिजली उत्पादन और भारतीय रेलवे की माल ढुलाई पिछले सप्ताह से अधिक रही, लेकिन अक्टूबर की शुरुआत के स्तरों से कम रही। बिज़नेस स्टैंडर्ड आधिकारिक आंकड़े जारी होने से पहले मौजूदा आर्थिक स्थिति की थाह लेने के लिए इन और थोड़े-थोड़े समय बाद जारी होने वाले आंकड़ों पर नजर रखता है। आम तौर पर जीडीपी जैसे आंकड़े देरी से जारी होते हैं। दुनिया भर के विश्लेषक कोविड-19 महामारी के बीच जमीनी स्तर पर तेजी से बदलती स्थितियों क समझने के लिए इन संकेतकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बिजली, यातायात और उत्सर्जन के आंकड़े 25 अक्टूबर तक के हैं। रेलवे के आंकड़े 24 अक्टूबर के हैं। सर्च इंजन गूगल लोकेशन के डेटा थोड़ी देरी से जारी करता है। पिछले सप्ताह के ताजा आंकड़े 23 अक्टूबर के हैं। भारतीय रेलवे की माल ढुलाई पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 10.6 फीसदी अधिक है। यह 10 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 21.3 फीसदी अधिक थी। ताजा सप्ताह में माल ढुलाई से आमदनी भी पिछले सप्ताह की तुलना में 5.1 फीसदी अधिक थी। बिजली उत्पादन के आंकड़े 2019 के मुकाबले 9.7 फीसदी अधिक हैं। ये 4 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 16.1 फीसदी अधिक थे। मौजूदा स्तर पिछले सप्ताह की तुलना में बेहतर हैं। अन्य संकेतक सुधार के सीमित संकेत दर्शाते हैं। इस महामारी के दौरान लोगों की आवाजाही कैसी है, इसे जांचने के लिए गूगल एनोनिमाइज्ड लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है। किराने की आवश्यक खरीदारी और दवा की दुकानों पर जाने में महामारी से पहले की तुलना में 9.71 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। कार्यस्थल जाने में पिछले सप्ताह के मुकाबले मामूली गिरावट आई है। वैश्विक लोकेशन तकनीक कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के यातायात के आंकड़ों से पता चलता है कि यातायात का स्तर 2019 के स्तरों के मुकाबले करीब 75 फीसदी है। ये आंकड़े पिछले सप्ताह के समान हैं। बिज़नेस स्टैडर्ड नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन पर नजर है। इसका ऊंचा स्तर ज्यादा औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के इस्तेमाल को इंगित करता है। दिल्ली में स्तर 2019 से अधिक है। मुंबई में उत्सर्जन का स्तर सामान्य स्तरों से नीचे 96 फीसदी है।
