अमेरिका और यूरोप में कोविड-19 के बढ़ते मामले और अमेरिका की तरफ से राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज में हो रही देर से निवेशक आर्थिक परिदृश्य को लेकर चिंतित हैं, लिहाजा वैश्विक बाजार ने हफ्ते की शुरुआत गिरावट के साथ की। वैश्विक बाजारों की कमजोर धारणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए सेंसेक्स 540 अंक टूटकर 40,145 पर बंद हुआ, जो 15 अक्टूबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। उधर, निफ्टी-50 इंडेक्स 163 अंकों की गिरावट के साथ 11,768 पर बंद हुआ। यूरोप में इक्विटी बाजार और अमेरिकी फ्यूचर में इस चिंता के बीच गिरावट दर्ज हुई कि यह महामारी कारोबार को नुकसान पहुंचाना जारी रखे हुए है, साथ ही अमेरिकी सरकार आर्थिक राहत पैकेज किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पलोसी ने कहा कि राहत पैकेज पर आगे बढऩे का भार राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर है। इसके साथ ही ट्रेजरी सचिव स्टीवन मनचिन ने इस मामले में किसी सहमति पर न पहुंच पाने का आरोप पलोसी पर लगाया। अमेरिकी ट्रेजरी व डॉलर में उछाल आई क्योंंकि निवेशक सुरक्षित ठिकाने वाली परिसंपत्तियों की ओर बढ़े। इसके साथ ही तेल की कीमतें इस चिंता में फिसल गई कि कोविड के बढ़ते मामलों से मांग पर असर पड़ेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव ने पिछले हफ्ते कहा था कि उत्तरी गोलार्ध के कुछ देश खतरनाक क्षण का सामना कर रहे हैं जब कुछ देशों ने कोविड-19 के मामलों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखी। कई देशों खास तौर से यूरोप के देशों ने सख्ती लगानी शुरू कर दी है। स्पेन ने राष्ट्रव्यापी कफ्र्यू की घोषणा की और इटली ने मई के बाद की सबसे सख्त पाबंदी लगाई है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अमेरिका व यूरोप में कोविड के बढ़ते मामले और अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज में देर ने निवेशकों को चिंतित किया। भारतीय बाजार हालिया तेजी के बाद गिरावट आ रही है, जिसने सितंबर तिमाही के सकारात्मक नतीजे के कारण आय में हुई बढ़त को लेकर काफी कुछ अनुमान लगाया है। अल्पावधि में भारतीय इंडेक्स कमजोर रह सकते हैं और दूसरी तिमाही के नतीजे के ट्रेंड और अमेरिकी प्रगति से आगे बढ़ेगा। अभी तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं, जिनमें से 10 या तो उम्मीद पर खरी है या फिर उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए हैं। यह जानकारी ब्लूमबर्ग के आंकड़ोंं से मिली। विशेषज्ञों ने कहा, चूंकि अमेरिकी चुनाव करीब हैं, लिहाजा बाजार सतर्कता बरत सकता है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, अमेरिकी चुनाव से पहले निवेशक राहत पैकेज पर कुछ स्पष्टता की उम्मीद कर रहे हैं। इस बीच कुल मिलाकर देसी आय की घोषणा उतारचढ़ाव में मदद कर रही है। मेरा मानना है कि किसी शेयर में दोनों तरफ पोजीशन बनाए रखना चाहिए। बीएसई पर 990 शेयर चढ़े जबकि 1698 में गिरावट आई। सेंसेक्स में शामिल दो तिहाई कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। बजाज ऑटो 6.1 फीसदी टूटा और यह सेंसेक्स में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा 4.5 फीसदी टूटा जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा और अग्रणी बैंंकिंग शेयर करीब 3 फीसदी टूटे। एनर्जी व मेटल शेयर सबसे ज्यादा टूटे।
