साइबर हमले के कारण डॉ. रेड्डीज को बंद करने पड़े संयंत्र | सोहिनी दास / मुंबई October 22, 2020 | | | | |
हैदराबाद की दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) को साइबर हमले के बाद दुनिया भर में अपने संयंत्र बंद करने पड़े। दो दिन पहले ही कंपनी को रूस में तैयार कोविड-19 के संभावित टीके के दूसरे एवं तीसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय दवा नियामक से अनुमति मिली थी।
कोविड-19 टीके का परीक्षण या इस पर शोध करने वाली किसी कंपनी पर साइबर हमले की यह दूसरी घटना है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के अनुसार इससे पहले जुलाई में चीन के हैकर ने स्पेन की उन प्रयोगशालाओं से सूचनाएं चोरी कर ली थी, जो कोविड-19 टीके पर काम कर रहे थे।
साइबर हमले के बाद डीआरएल के मुख्य सूचना अधिकारी मुकेश राठी ने कहा कि 24 घंटों के भीतर सभी सेवाएं दोबारा बहाल हो जाएंगी। हालांकि राठी के बयान भी कंपनी के शेयर को लुढ़कने से नहीं बचा पाए। गुरुवार सुबह कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 3 प्रतिशत तक फिसल गया, बाद में यह संभला और 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5029.15 रुपये पर बंद हुआ।
डीआरएल के मुख्य सूचना अधिकारी मुकेश राठी ने एक बयान में कहा, 'हमें सभी सेवाएं अगले 24 घंटे में दोबारा बहाल होने की उम्मीद है। हमें नहीं लगता कि इस साइबर हमले से हमारे परिचालन पर कोई बड़ा असर होगा।' सूत्रों ने कहा कि कंपनी फिलहाल अपनी आईटी तंत्र की समीक्षा कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर साइबर हमला कैसे हुआ। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि इस हमले से कंपनी के विनिर्माण परिचालनों पर कितना असर हुआ है। हैदराबाद की इस कंपनी के भारत में 17 विनिर्माण संयंत्र और छह शोध एवं विकास केंद्र हैं। भारत से बाहर इसके 3 शोध एवं विकास केंद्र और छह विनिर्माण संयंत्र हैं। कंपनी अपने राजस्व का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात से प्राप्त करती है। ब्राजील, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में कंपनी के संयंत्र हैं। कंपनी पर साइबर हलमा गुरुवार तड़के हुआ था। हमले के बाद कंपनी ने अपना पूरा परिचालन बंद कर दिया और डेटा सर्वर अलग कर दिए। सितंबर में रशियन इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और डीआरएल ने स्पूतनिक के परीक्षण और भारत में इसके वितरण के लिए साझेदारी की थी।
भारत में दवा को मंजूरी मिलने के बाद आरडीआईएफ यहां वितरण के लिए 10 करोड़ खुराक डीआएएल को देगा। भारतीय दवा महानिरीक्षक (डीसीजीआई) ने डीआरएल का शुरुआती परीक्षण ढांचा अस्वीकार कर दिया था। हालांकि बड़े स्तर पर परीक्षण होने से पहले इस टीके का परीक्षण शुरू में 100 लोगों पर होगा।
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