एयर इंडिया के निजीकरण की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार इस विमानन कंपनी के संभावित निवेशकों को कंपनी के भारी-भरकम कर्ज को लेकर शर्तों में कुछ लचीलापन लाने की योजना पर काम कर रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि संभावित निवेशकों के लिए एयर इंडिया के 60,074 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में कुछ लचीला रुख अपनाया जा सकता है। मौजूदा शर्त यह है कि खरीदार को एयरलाइन का एक-तिहाई से अधिक कर्ज अपने ऊपर लेना होगा जबकि शेष को विशेष इकाई (एसपीवी) को स्थानांतरित किया जाएगा। पांडे ने कहा कि एयर इंडिया के संभावित निवेशकों की ओर से यह कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से विमानन क्षेत्र में जो अनिश्चितता पैदा हुई है उसके चलते ऋण को रुचि पत्र (ईओआई) के चरण में ही तय नहीं किया जाना चाहिए। दीपम द्वारा जनवरी में निकाले गए ईओआई के अनुसार, एयर इंडिया पर 31 मार्च, 2019 तक 60,074 करोड़ रुपये कर्ज था। एयरलाइन के खरीदार को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपए का कर्ज लेना होगा। शेष कर्ज को विशेष इकाई एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लि.(एआईएएचएल) को स्थानांतरित किया जाएगा।
