इक्विटास स्मॉल फाइनैंस बैंक (इक्विटास एसएफबी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को लेकर उम्मीद और जिस तरह से विदेशी व देसी निवेशक जुलाई के बाद से बैंकिंग शेयरों को हाथोंहाथ ले रहे हैं, उसे देखते हुए यह इश्यू शानदार नजर आ रहा है। 32-33 रुपये की कीमत इस आईपीओ को आकर्षक बना रहा है, जो वित्त वर्ष 2021 के अनुमानित खाते का 1.2 गुना बैठता है और उज्जीवन एसएफबी व एयू एसएफबी के मुकाबले छूट पर है। ऐसे में मूल्यांकन निवेशकों के लिए बढ़त की गुंजाइश छोड़ता है। विश्लेषकों ने हालांकि कहा कि हमें सूचीबद्धता पर भारी फायदे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। एक विश्लेषक ने कहा, अगर निवेशक उज्ज्जीवन एसएफबी जैसी सूचीबद्धता के बारे मेंं सोच रहे हैं तो बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए वे गलत हैं। उज्जीवन एसएफबी ने सूचीबद्धता पर 50 फीसदी का फायदा दिया था। इसके बावजूद एमके रिसर्च समेत अन्य ब्रोकरेज ने इस आईपीओ में निवेश की सलाह दी है। विशाखन की उसकी यात्रा इक्विटास एसएफबी को आकर्षक बनाती है, जो काफी हद तक एक साल बाद यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस की उसकी इच्छा को सही ठहराता है।बढिय़ा लोनबुक जब एसएफबी की मूल कंपनी इक्विटास होल्डिंग 2016 में सूचीबद्ध हुई तो कुल पोर्टफोलियो में एमएफआई लोन की हिस्सेदारी 75 फीसदी थी, जो एमएफआई परिचालन वाले एसएफबी में सबसे कम था। तब से उसने एमएफआई लोन पर निर्भरता लगातार कम की है और 30 जून 2020 को यह 23 फीसदी था। अभी बैंक का 42 फीसदी लोनबुक छोटे कारोबारी लोन से आता है, वहींं वाहन कर्ज की हिस्सेदारी 24 फीसदी है। बैंक होम लोन व कॉरपोरेट लोन के शुरुआती चरण में है उसकी हिस्सेदारी क्रमश: 4 व 7 फीसदी है। जमा आकर्षित करने की उसकी क्षमता आकर्षक है। कम लागत वाली चालू व बचत खाते की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2018 के 29 फीसदी से पहली तिमाही में घटकर 20 फीसदी रह गई, लेकिन बैंंक का कासा अनुपात एयू एसएफबी व उज्ज्जीवन एसएफबी जैसे समकक्ष से बेहतर है। उसकी खुदरा जमाएं 76 फीसदी है। पहली तिमाही में फंड की लागत 7.6 फीसदी रही ओर परिसंपत्तियों पर प्रतिफल 19 फीसदी। ऐसे में बैंक का प्रदर्शन दोनों मोर्चे पर बेहतर है।परिसंपत्ति गुणवत्ता पहली तिमाही में सकल एनपीए अनुपात 2.7 फीसदी रहा. ऐसे में इक्विटास एसएफबी निराश दिख सकता है। हालांकि एमएफआई कारोबार में एक फीसदी सकल एनपीए अनुपात आसान है, लेकिन अन्य कारोबार मसलन वाहन कर्ज व छोटे कारोबारी लोन में शुरुआती दिनों में ज्यादा एनपीए होता है। एमके रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा कि इक्विटास एसएफबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रबंधन के योग्य है। वास्तव में आईपीओ का मूल्यांकन बैंक की लोनबुक की नई प्रकृति प्रतिबिंबित करती है। हालांकि मोरेटोरियम में अगस्त तक लोनबुक का 36 फीसदी रहा, जिससे आगामी तिमाही अहम हो सकती है। अगस्त में संग्रह हालांकि 83 फीसदी को छू गया।प्रमुख जोखिम आईपीओ के बाद प्रवर्तक की बैंक में हिस्सेदारी 82 फीसदी होगी और नियम के मुताबिक तीन साल में इसे घटाकर 40 फीसदी पर लाना होगा।
