एमेजॉन सेल की शानदार शुरुआत | पीरजादा अबरार / October 18, 2020 | | | | |
ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन के लिए उसकी प्रमुख त्योहारी सेल 'ग्रेट इंडियन फेस्टिवल' के दौरान विक्रेताओं और ब्रांड भागीदारों के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी शुरुआत हुई है। एक महीना चलने वाले इस आयोजन की शुरुआत इसके प्राइम सदस्यों के लिए 16 अक्टूबर की मध्यरात्रि से हुई थी तथा 17 अक्टूबर से यह सभी के लिए खोल दिया गया था। ग्रेट इंडियन फेस्टिवल शुरू होने के 48 घंटों के दौरान पहले किसी भी शुरुआती दो दिनों के मुकाबले अधिक संख्या में दुकानदारों और विक्रेताओं ने हिस्सा लिया है।
कंपनी का कहना है कि इस सेल के शुरुआती 48 घंटों में उसके मंच पर 1.1 लाख विके्रताओं को ऑर्डर मिले हैं। इनमें से 66 प्रतिशत ऑर्डर छोटे शहरों से आए हैं। एमेजॉन के मंच पर 6.5 लाख विके्रता हैं। इस मंच पर नए ग्राहकों की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ है। इनमें से 91 प्रतिशत नए ग्राहक महानगरों और शीर्ष 40 शहरों के अलग छोटे शहरों-कस्बों से आए हैं।
एमेजॉन इंडिया के उपाध्यक्ष मनीष तिवारी ने कहा कि कुल मिलाकर मात्रा और बेची जाने वाली इकाइयों के लिहाज से एमेजॉन इंडिया के इतिहास में हमारे यह 48 घंटे सबसे बड़े रहे हैं। हमें देश के करीब 98.4 प्रतिशत पिन कोड से ऑर्डर मिल चुके हैं।
कंपनी ने कहा कि एमेजॉन पर नए ग्राहकों ने पहली बार इतनी बड़ी संया में खरीदारी की है। उनके पास लघु और मध्य कारोबारियों (एसएमबी) के चार करोड़ से अधिक विकल्प थे। इस ग्रेट इंडियन फेस्टिवल के दौरान 14 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने खरीदारी की।
उपयोगकर्ताओं ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ जैसी विभिन्न भाषाओं में खरीदारी करने का अनुभव प्राप्त किया। तिवारी ने कहा कि यह तेजी (छोटे शहरों में ई-कॉमर्स के मामले में) हम सभी के लिए सकारात्मक आश्चर्य है।
सेल के दौरान किसी और दिन की तुलना में प्राइम सदस्यों ने शुरुआती समय में अधिक खरीदारी की। प्राइम अर्ली एक्सेस के दौरान साइन-अप करने वाले 66 प्रतिशत से अधिक नए प्राइम सदस्य मध्य और छोटे शहरों तथा कस्बों से थे। इनमें तवांग और चांगलांग (अरुणाचल प्रदेश), मोकोकचुंग (नागालैंड), बारां (राजस्थान), पुदुकोट्टई (तमिलनाडु), ऊना (हिमाचल प्रदेश) और जौनपुर (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं।
एमेजॉन पर 1,10,000 से अधिक विक्रेताओं को ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। ऑर्डर प्राप्त करने वाले ज्यादातर विक्रेता मध्य और छोटे शहरों से थे। जैसे कर्नाटक में यादगीर, तमिलनाडु में विरुधुनगर और बिहार में लखीसराय। तिवारी इस बात से प्रभावित है कि इस अभूतपूर्व समय में देश भर के विक्रेता, ब्रांड और पारिस्थितिकी तंत्र के साझेदार किस तरह से एक जुट हो गए हैं।
|