केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टेक्निकल सपोर्ट धोखाधड़ी योजना या कॉल सेंटर योजना को लेकर जांच तेज कर दी है। जांच एजेंसी ने 6 निजी सॉफ्टवेयर कंपनियों के परिसर की देशव्यापी तलाशी अभियान के दौरान 190 करोड़ रुपये के डिजिटल साक्ष्य, बैंक खाते और अन्य साक्ष्य बरामद किए हैं। इस धोखाधड़ी का कथित मास्टरमाइंड अमेरिका का है और सीबीआई के मुताबिक उसने भारत में काल सेंटर चलाकर अमेरिका में बुजुर्गों व हाशिये पर रहने वाले लोगों को ठगा है। इन कंपनियों में सॉफ्टविल इन्फोटेक, इनोवाना थिंकलैब्स, बेनोवेलिएंट टेक्नोलॉजिज, सिस्टमवीक सॉफ्टवेटर, सबुरी ग्लोबल सर्विसेज शामिल हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, 'इन निजी कंपनियों व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें धोखाधड़ी योजना को तकनीकी समर्थन मुहैया कराए जाने का आरोप है। ये फर्में नई दिल्ली, जयपुर (राजस्थान), नोएडा (उत्तर प्रदेश) और गुरुग्राम (हरियाणा) में हैं।' सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ये कंपनियां पीडि़तों से इंटरनेट पॉपअप मैसेज के माध्यम से संपर्क करती थीं, जिनमें गलत तरीके से मॉइक्रोसॉफ्ट या किसी अन्य जानी पहचानी डिजिटल कंपनी की ओर से सिक्योरिटी अलर्ट नजर आता था। पॉप-अप मैसेज में धोखा देते हुए दावा किया जाता था कि उपभोक्ता का कंप्यूटर वायरस इन्फेक्टेड है। उसके बाद वह उपभोक्ता के कंप्यूटर पर स्कैन चलाते थे और वायरस और मालवेयर होने की गलत तरीके से पुष्टि करते थे। सीबीआई ने कहा, 'इस तरह के तमाम अप्रासंगिक सॉफ्टवेयर भी कंपनियों द्वारा डेपलप किए गए, जिनकी जांत हो रही है।'
