पेंशन : न्यूनतम रिटर्न की गारंटी की तैयारी | |
इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली 10 16, 2020 | | | | |
पेंशन फंड नियामक इस वित्त वर्ष के अंत तक एक गारंटीयुक्त उत्पाद को अंतिम रूप देगा, जिसमें न्यूनतम मुनाफे का आश्वासन होगा। इसके अलावा प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) के एक आधार अंक शुल्क की सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है, जो इस समय पेंशन फंड प्रबंधकों को दिया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में और प्रबंधक आने को प्रेरित होंगे।
पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, 'हम जल्द ही समिति गठित करने जा रहे हैं। इस वित्त वर्ष के दौरान हम एक उत्पाद तैयार करेंगे और बोर्ड से मंजूरी लेने बाद उसे पेश करेंगे।'
उन्होंने कहा बीमा और म्युचुअल फंड के क्षेत्रों में न्यूनतम आश्वासन योजनाओं का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा है। बंद्योपाध्याय ने कहा, 'बीमा क्षेत्र में गारंटी युक्त उत्पादों को वापस ले लिया गया, क्योंकि ऐसा अनुभव किया गया था कि लंबी अवधि के लिए गारंटी देना संभवत: संगठन के हित में नहीं होगा। सेबी भी दरअसरल इस तरह की किसी गारंटी वाले उत्पाद को प्रोत्साहित नहीं करता है।' बहरहाल उन्होंने कहा कि इसे पेश किया जाएगा, क्योंकि यह पीएफआरडीए ऐक्ट का एक हिस्सा है।
नियामक ने कहा, 'जब आप गारंटी देते हैं तो फंड प्रबंधकों की पूंजी पर्याप्तता जरूरतें बढ़ जाती हैं। इस समय यह बाजार के पूरी तरह अनुकूल है। हम किसी निवेश जोखिम का सामना नहीं कर रहे हैं। लेकिन जिस समय आप गारंटी देते हैं और बाजार नीचे जा रहा होता है, स्वाभाविक है कि ऐसे में फंड प्रबंधकों को अतिरिक्त पूंजी लानी होती है। ऐसे में एक्चुरियल इनपुट जरूरी है। न सिर्फ पूंजी की जरूरतें होती हैं बल्कि विभिन्न शुल्क ढांचे भी होते हैं और इसके लिए अलग गारंटी शुल्क रखना होता है। इसे लेकर भी हमें फैसला करना है कि आदर्श गारंटी शुल्क क्या हो सकता है।'
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