सात महीने के बाद इस हफ्ते सिनेमाघर दर्शकों के लिए खोले जाने के लिए तैयार हैं लेकिन अक्टूबर का महीना सिनेमाघरों के लिए मंदी से ही भरा होगा। फिल्म कारोबार के लिए एक झटका और है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों ने सिनेमाहॉल को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में सिनेमाघरों के मालिकों का अनुमान है कि एक दिन में उनके सिनेमाघरों के केवल एक-तिहाई या आधा ही सिनेमाघरों में एक दिन में फि ल्में दिखाई जाएंगी। उदाहरण के लिए आइनॉक्स 15 अक्टूबर को अपने 147 सिनेमाघरों में से आधे को खोलेगा और बाद में आने वाले हफ्तों में यह तादाद धीरे-धीरे बढ़ेगी। पीवीआर और कार्निवल सिनेमा 16 अक्टूबर को फिर से खुलेगा और शुरुआत में कम ही सिनेमाघर खोले जाएंगे। कार्निवाल सिनेमाज के प्रबंध निदेशक पीवी सुनील का कहना है कि सिनेमा उद्योग उम्मीद कर रहा है कि नवंबर और दिसंबर बेहतर महीना होगा। वह कहते हैं, 'उद्योग के लिए सबसे बड़ा बदलाव 15 नवंबर से दिखना शुरू होगा जो दीवाली का वक्त है। हम कुछ नई फि ल्मों के रिलीज होने की उम्मीद कर रहे हैं। उसके बाद अगली बड़ी छुट्टी क्रिसमस की होगी। ज्यादातर खिलाडिय़ों की रणनीति यह होगी कि उपभोक्ताओं के बीच भरोसा बनाया जाए ताकि वे सिनेमाघरों में वापस आएं।' शुरुआत में सिनेमा हॉल कोविड-19 के प्रोटोकॉल और सुरक्षा के मुद्दों से जूझ रहे हैं वहीं दर्शकों को भी पुरानी फिल्मों के साथ ही सब्र करना होगा। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि नई फिल्में रिलीज होंगी लेकिन रिलीज की तारीख स्पष्ट नहीं है। फिल्म कारोबार विश्लेषक कोमल नाहटा कहते हैं, 'ज्यादातर लोग 15 अक्टूबर से नवंबर तक इंतजार करेंगे और देखेंगे कि दर्शकों का रुझान कैसा रहता है। अगर सिनेमाघर 30-40 फीसदी दर्शकों का प्रबंधन करने में सक्षम रहेंगे तब फिल्म निर्माता अपनी फिल्में रिलीज कराने का मन बनाएंगे। लेकिन अगर दर्शकों की तादाद महज 5.15 प्रतिशत होगी तब उनके लिए अपनी फिल्मों को रिलीज करना व्यवहारिक नहीं होगा। वे इसे बाद की तारीख के लिए टाल देंगे।' वितरकों और सिनेमाघरों के मालिकों के साथ हुई बातचीत से पता चला कि दर्शकों को आकर्षित करने के लिए टिकट की कीमतों पर छूट देने की योजना बनाई जा रही है। सिनेमाघरों के मालिकों के लिए दर्शकों का सिनेमाघरों में आना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि फिल्म निर्माताओं के साथ उनकी सारी बातचीत इस पर निर्भर होगी कि आने वाले हफ्ते में कितने दर्शक फिल्म देखने सिनेमाहॉल में पहुंचते हैं। एक फिल्म की कमाई का करीब 40 फीसदी हिस्सा बॉक्स ऑफिस से आता है जो सिनेमाघरों में दर्शकों की तादाद और टिकट की कीमतों पर निर्भर है। मल्टीप्लेक्स परिचालक टिकट की औसत कीमत 150-200 रुपये तक रखते हैं लेकिन पहले महीने दर्शकों को प्रोत्साहित करने के लिए टिकट की कीमतों पर 20-25 फीसदी की छूट दिए जाने की उम्मीद है। छूट की पेशकश खाद्य और पेय पदार्थों पर भी दिए जाने की उम्मीद है। टिकट बुकिंग, चेक-इन और खाने के ऑर्डर भी मानक परिचालन प्रक्रिया के तहत संपर्करहित बनाए जाएंगे जिसका पालन सिनेमाघरों के संचालक कर रहे हैं। इसके अलावा बड़ी चुनौती यह है कि सीटों की अधिकतम सीमा 50 फीसदी तक ही रखनी है। इसका मतलब यह हुआ कि बड़ी फिल्मों को दोगुनी संख्या में सिनेमाघरों में दिखानी होगी या विश्लेषकों के मुताबिक शो की संख्या दोगुनी करनी होगी। नाहटा का कहना है कि बड़े बजट की फिल्में मसलन 'सूर्यवंशी', '83', 'बंटी और बबली', 'संदीप और पिंकी' फरार रिलीज के लिए तैयार हैं लेकिन सिनेमाघरों में दिखाने के लिए इनकी कोई तारीख तय नहीं की गई है। हॉलीवुड फिल्म 'टेनेट' नवंबर में रिलीज होने की उम्मीद है जो संभवत: दीवाली के हफ्ते के दौरान रिलीज की जाएगी। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म '83' के निर्माता इसे 25 दिसंबर के दौरान रिलीज कराना चाहेंगे। लेकिन 'सूर्यवंशी' 2021 जनवरी तक रिलीज होगी। भारत में 9,600 स्क्रीन में से 70 फीसदी सिंगल स्क्रीन हैं और 30 फीसदी मल्टीप्लेक्स स्क्रीन हैं। लेकिन मल्टीप्लेक्स भारत के सिनेमाघरों से होने वाली कमाई का आधे से अधिक हिस्सा कमाते हैं और ऐसे में उन पर यह दबाव है कि वे सुरक्षा, स्वच्छता और सामग्री के मानकों को पूरा करें। फिल्मों के कारोबार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। कई ने फिल्म निर्माताओं के साथ उन फिल्मों के बारे में चर्चा की जो ओवर-दि-टॉप (ओटीटी) मंच पर रिलीज हुई हैं। इस महीने रेंटल ऑफर के तौर पर ईशान खट्टर और अनन्या पांडे अभिनीत फिल्म 'खाली पीली' ज़ी5, टाटा स्काई, एयरटेल डीटीएच और डिश टीवी पर दिखाई गई। ज़ी स्टूडियो के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, 'हमें अपनी फिल्म 'खाली-पीली' के लिए सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के मालिकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हमें उम्मीद है कि देश भर में इसे करीब 200 स्क्रीन पर रिलीज किया जाएगा।' इस साल बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली करीब 20-25 फिल्मों को महामारी और लॉकडाउन के दौरान ओटीटी मंचों पर रिलीज करा दिया गया। इस कदम का बड़े सिनेमाघरों के मालिकों ने विरोध किया था जिन्होंने इसे भरोसा तोडऩे जैसा कदम बताया। कई ने स्पष्ट किया कि वे उन फिल्मों पर विचार नहीं करेंगे जो डिजिटल मंचों पर रिलीज हो चुकी हैं और वे इस बात पर अब भी अड़े हुए हैं।
