सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में ई-नीलामी के माध्यम से कोयले की बुकिंग में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान चार दौर की ई-नीलामी में सीआईएल ने 414 लाख टन कच्चे कोयले की बुकिंग की है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 251 लाख टन बुकिंग हुई थी। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि यह कोयले का आयात कम करने की कवायदों का हिस्सा है। बिजली संयंत्रों व कुछ गैर बिजली कंपनियों के साथ दीर्घावधि ईंधन आपूर्ति समझौते के माध्यम से कोयले की आपूर्ति के अलावा कोल इंडिया समय समय पर कुछ उद्योगों को ई-नीलामी से भी कोयला बेचती है। जुलाई महीने में कोल इंडिया ने कोयले की विशेष श्रेणी की ई-नीलामी उन कंपनियों व कारोबारियों के लिए की थी, जो अपनी जरूरतों के लिए कोयले का आयात करते हैं। सीआईएल ने कहा कि इस विशेष नीलामी से 124 लाख टन की बुकिंग गैर बिजली ग्राहकों द्वारा की गई। सीआईएल ने कहा, 'पिछले साल के कोयले के आयात के आंकड़ों से पता चलता है कि 40 प्रतिशत कोयले का आयात ट्रेडर्स ने किया। सीआईएल नीलामी से ज्यादा जोर देने का फैसला किया, जिसकी वजह से ज्यादा मात्रा में बिक्री हुई।' सीआईएल के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने अनुमान लगाया था कि कोविड के कारण नकदी का संकट होगा और आरक्षित मूल्य शून्य के करीब लाया गया था, जिससे कि हमारे ग्राहकों को मदद मिल सके और वे लॉकडाउन के दौरान ज्यादा कोयला उठा सकें।' बिजली उत्पादकों के लिए विशेष अग्रिम नीलामी 100 लाख टन रही जबकि विशेष हाजिर नीलामी इस अवधि के दौरान 20 लाख टन रही। कंपनी अब गैर बिजली क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की योजना बना रही है क्योंकि बिजली संयंत्रों को आपूर्ति की स्थिति अब सामान्य है।
