भारत को लेकर प्रतिबद्घ है वेदांत रिसोर्सेस | |
एजेंसियां / नई दिल्ली 10 13, 2020 | | | | |
अपनी भारतीय इकाई को स्टॉक एक्सचेंजों से हटाने में विफल रही खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांत रिसोर्सेज ने मंगलवार को कहा कि वह देश में निवेश को लेकर प्रतिबद्घ है। कंपनी का कहना है कि भारत उसके लिए बेमिसाल अवसर और वृद्घि की पेशकश करता है। पिछले सप्ताह बड़ी तादाद में अपुष्ट बोलियों के कारण वेदांत की डीलिस्टिंग कोशिश विफल हो गई। 9 अक्टूबर को बीएसई पर कुल 169.93 करोड़ शेयरों में से कंपनी के 137.74 करोड़ शेयर प्रवर्तकों को बिक्री के लिए पेश किए गए थे, जो 134.12 करोड़ शेयरों के दायरे के मुकाबले काफी ज्यादा है।
वेदांत लिमिटेड की पैतृक कंपनी वेदांत रिसोर्सेज ने एक बयान मे कहा, 'करीब 134 करोड़ शेयरों के लिए डीलिस्टिंग कोशिश वास्तव में चुनौतीपूर्ण थी। हमने अपने शेयरधारकों की अच्छी भाीगदारी देखी और यही वजह थी कि हम महज 7 प्रतिशत की कमी से अपने लक्ष्य से दूर रहे।'
कंपनी ने कहा है कि डीलिस्टिंग कोशिश सफल नहीं रही है। इस कोशिश के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.15 अरब डॉलर से अधिक के एफडीआई प्रवाह का अनुमान जताया गया है।
सार्वजनिक शेयरों के लिए अपने शेयर सौंपने की रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया 5 अक्टूबर को शुरू और 9 अक्टूबर को समाप्त हुई थी।
वेदांत रिसोर्सेज ने कहा है, 'हम भारत, खासकर प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्घता को फिर से दोहराना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि वेदांत लिमिटेड भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर एक सूचीबद्घ इकाई के तौर पर मजबूती के साथ लगातार बढ़ेगी।'
आईएनइओएस स्टाइरोल्युशन और लिंडे इंडिया के बाद पिछले दो वर्षों में डीलिस्टिंग में विफलता वाली वेदांत तीसरी कंपनी है।
वेदांत में 6.37 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एलआईसी ने 320 रुपये के भावपर अपने सभी शेयर दिए, जो 87.25 रुपये की न्यूनतम कीमत के मुकाबले 267 रुपये की वृद्घि है जिससे वेदांत की गणना में गड़बड़ी हुई।
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