एफडीआई के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में भारत | अर्णव दत्ता / नई दिल्ली October 13, 2020 | | | | |
भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए एक सबसे पसंदीदा जगह के तौर पर उभरा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) केएक हालिया सर्वेक्षण से इसका खुलासा हुआ है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और ईवाई द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत 2025 तक एफडीआई निवेश के लिए शीर्ष तीन देशों में शामिल होने के लिए तैयार है।
इस सर्वेक्षण में शामिल प्रतिभागियों के अनुसार, देश में बाजार की क्षमता, कुशल श्रमबल और राजनीतिक स्थिरता ऐसे तीन प्रमुख कारण हैं जो भारत को निवेश के लिए उनका पसंदीदा स्थान बनाते हैं। इसके अलावा, सस्ते श्रम की उपलब्धता, नीतिगत सुधार और कच्चे माल की उपलब्धता आदि सकारात्मक कारक हैं जो भारत की संभावनाओं को बेहतर करते हैं। कॉरपोरेट कर में कटौती, कारोबारी सुगमता, श्रम कानूनों का सरलीकरण, एफडीआई से संबंधित सुधार और मानव पूंजी पर ध्यान जैसे हासिला सुधार के कारण एफडीआई निवेश के लिए भारत की छवि बेहतर हुई है।
सर्वेक्षण में शामिल 67 प्रतिशत से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने कहा कि भारत भविष्य के निवेश के लिए उनकी पहली पसंद है। जबकि 25 फीसदी विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों कहा कि भविष्य के निवेश के लिए भारत उनकी पहली पसंद होगी। सर्वेक्षण से पता चलता है कि कुल प्रतिभागियों में से 80 फीसदी से अधिक और विदेशी मुख्यालय वाले प्रतिभागियों में से 71 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि 2023 तक वैश्विक स्तर पर निवेश करने की उनकी योजना है। इनमें से लगभग 30 फीसदी कंपनियां 50 करोड़ डॉलर यानी लगभग 3,700 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना बना रही हैं।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजित बनर्जी ने कहा, 'सीआईआई-ईवाई सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत वैश्विक निवेश का अगला प्रमुख गंतव्य होगा क्योंकि बड़ी तादाद में एमएनसी ने इसे अपने निवेश एजेंडे में शीर्ष पर रखा है। हालिया ढांचागत सुधार, सरकार की सक्रियता और अनलॉक के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वैश्विक निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है।'
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