मारुति सुजूकी इंडिया ने अगले कुछ वर्षों के दौरान बहुत से नए एसयूवी मॉडल पेश करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी इस खंड में अलग-अलग कीमत के बहुत से उत्पाद उतारकर अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रही है। कार बाजार की यह अगुआ 2021 के मध्य से पांच नई एसयूवी पेश करना शुरू करेगी यानी वर्ष 2023 तक हर छह महीने में एक। एक सूत्र ने कहा, 'वे हैचबैक खंड की तरह एसयूवी में भी हर मॉडल की कीमत में 45,000 से 50,000 रुपये का अंतर रखेंगे।' दूसरे अन्य व्यक्ति ने कहा कि ग्राहकों की पसंद बदल रही है, इसलिए मारुति ने यह कदम उठाया है। सबसे पहले एक नया बहु-उद्देश्य वाहन (एमपीवी) पेश किया जाएगा, जिसे सुजूकी की साझेदार टोयोटा के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है। इस मॉडल पर टोयोटा का बैज भी लगा होगा। इसके बाद कंपनी 2022 की पहली छमाही में नई विटारा ब्रेजा लेकर आएगी। वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में मध्यम आकार की एसयूवी पेश की जाएगी, जो हुंडई क्रेटा और किया सोनेट से मुकाबला करेगी। टाटा नेक्सॉन से मुकाबले के लिए एक क्रॉस-ओवर की बिक्री 2022 की दूसरी छमाही में शुरू होगी। वर्ष 2023 की पहली छमाही में भारत में बनी जिमी उतारी जाएगी। अभीक चट्टोपाध्याय ने कहा कि मारुति की ब्रांड रणनीति कंपनी की उत्पाद रणनीति के समान नहीं होनी चाहिए। अलग-अलग कीमत की अलग-अलग एसयूवी रखना सही है, लेकिन 10 लाख से अधिक की एसयूवी पर टोयोटा का बैज और उससे कम कीमत की एसयूवी पर सुजूकी का बैज होना चाहिए। वह कहते हैं, 'यह महत्त्वपूर्ण है कि मारुति खेल में उतरे क्योंकि सुजूकी का बैज अभी तक 10 लाख रुपये के कीमत दायरे को पार नहीं कर पाया है।' शहरों में भीड़-भाड़ बढ़ रही है। ऐसे में भारत और दुनिया भर में ग्राहक ऐसी कार पसंद कर रहे हैं, जो दिखने में एसयूवी जैसी हों। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में रुझान यूरोप जैसे बाजारों से बिल्कुल अलग है, जहां क्रॉस ओवर और एसयूवी में स्पष्ट अंतर है। भारत में लोग एसयूूवी में ऊंची सीट, आगे और पीछे आसानी से देख पाने और अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस को प्राथमिकता देते हैं। चालू कैलेंडर वर्ष में भारत के यात्री वाहन बाजार में 48 नए मॉडल आए हैं, उनमें से आधे एसयूवी हैं। इस रुझान से वाहन कंपनियों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न खूबियों वाले नए मॉडल उतारने के लिए प्रोत्साहन मिला है। इस समय मारुति एसयूवी खंड में विटारा ब्रेजा, अर्टिगा और एस क्रॉस मॉडलों की बिक्री करती है। कंपनी को कोरियाई प्रतिस्पर्धियों हुंडई और किया से कड़ी टक्कर मिल रही है। बाजार में मौजूद चुनौतियों से कारों की तुलना में एसयूवी तुलनात्मक रूप से सुरक्षित हैं। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान यात्री कारों की बिक्री घटकर लगभग आधी 3,07,539 रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 673,609 रही थी। यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में गिरावट कम रही है। इनकी बिक्री 3,57,741 से घटकर 2,21,251 रही। आईएचएस मार्किट के सहायक निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, 'नए मॉडलों से कंपनी को तगड़ी वापसी करने में मदद मिलेगी।' हुंडई की सहयोगी किया बाजार में उतरने के एक साल के भीतर ही एसयूवी बाजार की 12 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने में सफल रही है। कंपनी ने आगामी वर्षों के लिए भी आक्रामक योजना बनाई है। सायम के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान इस खंड में मारुति सुजूकी की हिस्सेदारी 24 फीसदी रही। यह सितंबर में सालाना आधार पर 3.7 फीसदी गिरकर 23 फीसदी रही।
