खाद्य महंगाई दर में दो अंको की बढ़ोतरी होने की वजह से खुदरा मूल्य महंगाई दर सितंबर महीने में 8 महीने के उच्च स्तर 7.34 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अगस्त में 6.69 प्रतिशत थी। यह लगातार छठा महीना है, जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के सामान्य स्तर से ऊपर बनी हुई है। इससे यह संभावना बन रही है कि संभवत: रिजर्व बैंक दिसंबर की समीक्षा में भी रीपो रेट में कोई कटौती नहीं करेगा। दरअसल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 6.92 प्रतिशत रही है, जबकि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी हाल की नीतिगत समीक्षा में खुदरा महंगाई 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। दरअसल सितंबर महीने में खाद्य महंगाई बढ़कर 7 महीने के उच्च स्तर 10.68 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि चार महीने तक दो अंकों से नीचे रही थी। अगस्त में खाद्य महंगाई 9.05 प्रतिशत पर थी। एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख- मुद्रा, राहुल गुप्ता ने कहा, 'सितंबर में महंगाई बाजार की उम्मीदों से ज्यादा रही है क्योंकि आपूर्ति में व्यवधान के कारण खाद्य महंगाई अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। जब तक महंगाई दर 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से नीचे नहीं आती है, हमें उम्मीद नहीं है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती करेगा, भले ही गवर्नर दास (शक्तिकांत) महंगाई दर पर नजर रखने को कह रहे हैं।' बहरहाल उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था लगातार खुलने और आपूर्ति के व्यवधान खत्म होने से महंगाई फिर से 2 से 4 प्रतिशत के बीच आ सकती है। केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 21 की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई गिरकर 2 से 6 प्रतिशत के बीच रह जाएगी। इन्वेस्टमेंट कंसल्टिंग फर्म मिलवुड कान इंटरनैशनल के संस्थापक और सीईओ नीश भट्ट ने कहा महंगाई में बढ़ोतरी से दरों को लेकर कदम उठाने की रिजर्व बैंक की सक्षमता प्रभावित होगी क्योंकि वह फैसले करने के पहले महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे बनाए रखना चाहेगा। सब्जियों के दाम में तेजी की वजह से खाद्य महंगाई प्रभावित हुई है। सितंबर में इसकी महंगाई दर 20.73 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसके पहले महीने में 11.41 प्रतिशत पर थी। मांसाहारी खाद्य की महंगाई दर भी बढ़ी है। मांस और मछली के दाम में इस अवधि के दौरान क्रमश: 17.60 प्रतिशत और 15.60 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। अंडों के दाम 15.47 प्रतिशत बढ़े हैं। परिवहन एवं संचार की लागत भी बढ़ी है। इस श्रेणी में महंगाई दर 11.50 बढ़ी है, जो इसके पहले 11.05 प्रतिशत बढ़ी थी। पर्सनल केयर की महंगाई दर और इसका असर कम हुआ है, लेकिन यह अभी भी ज्यादा बना हुआ है। यह सितंबर महीने में 12.31 प्रतिशत रहा, जो अगस्त में 14.45 प्रतिशत था। इन महीनों के दौरान स्वास्थ्य से जुड़े सामान की महंगाई दर बढ़कर 4.90 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पहले 4.71 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली क्षेत्र ने ग्राहकों को कुछ राहत दी है, जिसकी महंगाई दर गिरकर 2.87 प्रतिशत रह गई है, जो पहले 3.10 प्रतिशत थी।
