विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खपत-केंद्रित सुधार में समय लगेगा और सोमवार को घोषित सरकारी उपायों से इसे ज्यादा मदद नहीं मिलेगी। उनका कहना है कि मौद्रिक मदद का इस्तेमाल हाई-ऐंड डिस्क्रेशनरी उत्पादों के बजाय जरूरी उत्पादों पर किया जाएगा। बाजार सरकार की राजकोषीय चिंताओं से अच्छी तरह से अवगत हैं और ताजा घोषित उपायों से मांग तथा खपत आधारित शेयरों में किसी तरह के सुधार अल्पकालिक होंगे। इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम का कहना है, 'बाजार भी इन उपायों से ज्यादा उत्साहित नहीं है। बाजारों के लिए मौजूदा समय में ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आर्थिक सुधार बरकरार रहे। उपायों से सिर्फ अल्पावधि मदद मिलेगी और फिर ये बेअसर साबित हो सकते हैं। वाहन, पूंजीगत वस्तु, एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में अगली कुछ तिमाहियों में मांग नरम बनी रह सकती है।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने सोमवार को पूंजीगत खर्च बढ़ाने और उपभोक्ता मांग में तेजी लाने के उपायों की घोषणा की जिनमें केंद्र सरकार के कर्मियों को त्योहारी सीजन के दौरान खर्च के लिए भत्तों का अग्रिम भुगतान भी शामिल है। इसके अलावा, केंद्र सरकार के कर्मचारियों (जो अपनी यात्रा के लिए लीव ट्रेवल कंशेसन यानी एलटीसी लेते हैं) को बगैर यात्रा के भी रकम मिलेगी जिसका इस्तेमाल वे ऐसे उत्पाद की खरीदारी में कर सकेंगे जिस पर 12 प्रतिशत या इससे अधिक जीएसटी लगता है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का मानना है, 'इसकी संभावना नहीं है कि कर्मचारी अपने एलटीसी का इस्तेमाल नकद खर्च के तौर पर करेंगे और उपभोक्ता सामान खरीदने के लिए अग्रिम रकम लेंगे। खपत पर कुल प्रभाव सकारात्मक होगा, हालांकि इसकी गति धीमी रहेगी, क्योंकि ये उपाय नकद हस्तांतरण के बजाय प्रोत्साहन पर आधारित हैं। कुछ व्हाइट गुड्स निर्माता और वाहन डीलर इस त्योहारी सीजन में मांग में तेजी देख सकते हैं।' कई खपत-केंद्रित शेयर गिरावट का शिकार हुए हैं। एनएसई पर खपत-आधारित शेयरों के प्रदर्शन का मापक निफ्टी कंजम्पशन सूचकांक 0.2 प्रतिशत घटा है। वहीं बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, जुबिलेंट फूडवक्र्स, वोल्टास, कोलगेट-पामोलिव, डी-मार्ट और जी एंटरटेनमेंट में 1 से 6.1 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है।
