मुंबई के रेस्टोरेंटों का सुस्त रहा पहला हफ्ता | विवेट सुजन पिंटो / मुंबई October 11, 2020 | | | | |
मुंबई के रेस्टोरेंट 5 अक्टूबर को फिर से खुल गए, लेकिन उनका पहला सप्ताहांत बहुत ही सुस्त रहा। इस क्षेत्र से जुड़े उद्योग संगठनों ने कहा कि सिर्फ 20 प्रतिशत रेस्टोरेंट में ग्राहक पहुंचे। जानकारों का कहना है कि वित्तीय राजधानी में कारोबार के घंटे सीमित होने की वजह से खान पान की दुकानों में काम पटरी पर लौटने में वक्त लगेगा।
राज्य सरकार ने अक्टूबर में रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति दे दी, लेकिन 10 बजे रात के बाद नहीं खुलेंगे। ठाणे व पुणे जैसे शहरों में ज्यादा वक्त दिया गया है। मुंबई के रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि कामकाज के घंटे बढ़ाना बहुत अहम है क्योंकि रात में ही लोग खाने आते हैं।
नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष अनुराग कट्रियार ने कहा, 'अक्टूबर महीने में मुंबई में खानपान की दुकानों के लिए चुनौती बनी रहेगी।' उन्होंने कहा, 'अभी धीरे-धीरे दुकानें खुल रही हैं। नवंबर में क्षमता बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने से स्थिति कुछ सुधर सकती है।'
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली के साथ मुंबई खान पान का मुख्य खपत केंद्र है, जिसकी कुल खाद्य सेवा बाजार में हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है। वहीं बेंगलूरु, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद जैसे महानगरों की खाद्य सेवा बाजार में हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।
एनआरएआई की एक हाल की रिपोर्ट के मुताबिक महामारी व लॉकडाउन के कारण अप्रैल से अगस्त के बीद में देश की एक तिहाई खान पान की दुकानें व बार स्थायी रूप से बंद हो गए।
होटल्स ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ वेस्टर्न इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट प्रदीप शेट्टी ने कहा कि अभी रेस्टोरेंट खुलने में वक्त लगेगा। उन्होंने कहा, 'सरकार की ओर से अक्टूबर के पहले सप्ताह में खानपान की दुकाने खोले जाने की घोषणा के बाद रेस्टोरेंट मालिकों को अपना काम शुरू करने के लिए वक्त नहीं मिला। दूसरे, सिर्फ एक तिहाई जगह का इस्तेमाल ग्राहकों के बैठने के लिए हो सकता है। यह बड़ा व्यवधान है। मुझे नहीं लगता कि खानपान की दुकानों पर अभी भीड़ आएगी।' ग्राहकों को अभी वायरस को लेकर भी चिंता है, जिससे ज्यादातर खानपान सेवा प्रदाताओं के लिए चुनौती बनी हुई है। इंप्रेसरियो एंटरटेनमेंट ऐंड हॉस्पिटलिटी के सीईओ रियाज अमलानी ने कहा, 'बाहर खाने को लेकर आत्मविश्वास आने में वक्त लगेगा। ग्राहकों का भरोसा जीतना धीमी प्रक्रिया है। इसके लिए धैर्य की जरूरत है।'
उद्योग का अनुमान है कि कुल बिक्री में रेस्टोरेंट पर खाने की बिक्री की हिस्सेदारी 65 से 70 प्रतिशत और डिलिवरी के लिए बिक्री की हिस्सेदारी 30 से 35 प्रतिशत है।
कट्रियार ने कहा, 'तेज सेवा देने वाले रेस्टोरेंटों की डिलिवरी सेवा बेहतर काम करती है। लेकिन अभी वह भी बहुत सावधानी बरत रहे हैं। सभी कारोबारी खानपान को सुरक्षित बनाने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि ग्राहकों को दुकान तक वापस लाना अहम होगा।'
पश्चिम व दक्षिण भारत में मैकडॉनल्ड रेस्टोरेंट चलाने वाली वेस्टलाइफ डेवलपमेंट ने मुंबई और महाराष्ट्र में अपने आउटलेट खोल दिए हैं और 42 सुरक्षा व हाइजीन के मानकों का पालन किया जा रहा है। मैकडॉनल्ड इंडिया (पश्चिम और दक्षिण) के मुख्य परिचालन अधिकारी सुभाष कालरा ने कहा कि 'सुनिश्चित किया गया है कि खुले हाथों से खाना तैयार न किया जाए और न उसे परोसा जाए। बिलिंग व मेन्यू कार्ड के मामले में संपर्करहित परिचालन सुनिश्चित किया गया है। साथ ही शारीरिक दूरी का ध्यान रखने के बाद खानपान की जगह का लगातार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।'
अनलॉक शुरू होने के साथ ज्यादातर क्यूएसआर शृंखला के कारोबार में तेज रिकवरी हुई है।
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