गवर्नर ने बॉन्ड बाजार से मांगा सहयोग | |
अनूप रॉय / मुंबई 10 10, 2020 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बॉन्ड बाजार को ऑनलाइन संदेश भेजा है। दास ने कहा कि बॉन्ड बाजार को पर्याप्त सहायता देने के लिए आरबीआई अपने सभी इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है, लेकिन बाजार के प्रतिभागियों को निश्चित तौर पर सहयोग करना होगा।
बॉन्ड बाजार के प्रतिभागियों ने प्रतिफल में कमी लाकर गवर्नर को संदेश देने का प्रयास किया। अभी सरकार उम्मीद कर सकती है कि बाकी बचा उधारी कार्यक्रम बिना किसी अवरोध को पूरा होगा और वित्त वर्ष की बाकी अवधि में संभवत: 16 साल के निचले औसत दर 5.82 फीसदी या उससे भी कम पर।
वास्तविक तौर पर द्वितीयक बाजार से बॉन्ड खरीद के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन ओएमओ का आकार ऐसे सभी ऑपरेशन में दोगुना यानी 20,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बाजार के प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि आरबीआई नकदी की सहज स्थिति बनाए रखेगा और आउटराइट व
स्पेशल ओपन मार्केट ऑपरेशन को रूप में ओएमओ को अंजाम देगा। दास ने ऑनलाइन संदेश में ये बातें कही है।
अत्यधिक आपूर्ति के कारण बाजार के प्रतिभागियों ने उच्च प्रतिफल की मांग शुरू कर दी थी। इसके बाद आरबीआई ने 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्डों की 4 नीलामी अघस्त व सितंबर में की और आउटराइट ओएमओ को रद्द कर दिया।
उस समय हालांकि केंद्रीय बैंक ने चुपके से द्वितीयक बाजार से करीब 2 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीद लिए ताकि 10 वर्षीय बॉन्ड के प्रतिफल को 6 फीसदी के पार जाने से रोका जा सके।
केंद्रीय बैंक ने 1 लाख करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म रीपो ऑपरेशन (एलटीआरओ) का ऐलान किया, जिसका लक्ष्य खास क्षेत्र है। खास क्षेत्र की कंपनियों से आने वाले बॉन्ड व वाणिज्यिक प्रतिभूतियों की खरीद में फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे इन कंपनियों
के लिए बाजार की नकदी बढ़ेगी और कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार का मूड ठीक होगा।
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई की तरफ से उठाए गए कदमों के जवाब में सरकारी प्रतिभूतियों के बाजार के प्रतिफल (प्राथमिक व द्वितीयक) को सहज नकदी की सिस्थति के साथ जुड़ाव रखने की दरकार होगी। प्रतिभूतियों की कीमत के लिए ये प्रतिफल वित्तीय बाजारों के लिए बेंचमार्क का काम करता है और आसान वित्तीय स्थिति से फायदा मिलता है।
केंद्रीय बैंक अब इस वित्त वर्ष में विशेष कदम के तहत स्टेट डेवलपमेंट लोन के लिए ओएमओ का आयोजन करेगा ताकि समान परिपक्वा वाली प्रतिभूतियों के मुकाबले उनके स्प्रेड पर लगाम कसा जा सके। साथ ही स्टेट डेवलपमेंट लोन मार्केट में नकदी की स्थिति सुधरे।
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने बैकों को अपनी जमाओं का 22 फीसदी बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति दी है, जो मार्च 2022 तक किए जा सकेंगे। इससे बैंकों को मार्क टु मार्केट नुकसान के डर के बिना सरकारकी बॉन्डों में और निवेश में मदद मिलेगी।
फस्र्ट रैंड बैंक के ट्रेजरी प्रमुख हरिहर कृष्णमूर्ति ने कहा, दरों में कटौती के बिना आरबीआई ने वास्तव में काफी कुछ हासिल कर लिया और यह प्रशंसा के योग्य है।
10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 9 आधार अंक टूटकर 5.925 फीसदी पर बंद हुआ। तीन साल के बॉन्ड का प्रतिफल 33 आधार अंक टूटकर 4.541 फीसदी पर आ गया।
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