भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़े सेवा क्षेत्र में लगातार सातवें महीने सितंबर में भी गिरावट जारी रही। हालांकि अर्थव्यवस्था खुलने की वजह से गिरावट की रफ्तार काफी कम हो गई है। पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है। बहरहाल लगातार सातवें महीने भर्तियों में कमी बनी रही क्योंकि कुछ फर्मों ने कार्यबल घटा दिए हैं और कु छ को उचित अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। सितंबर में पीएमआई 49.8 अंक पर रहा, जो अगस्त के 41.8 से बहुत ज्यादा है। बहरहाल यह अभी भी 50 अंक से नीचे है, जिससे संकुचन के संकेत मिलते हैं। मार्च के बाद से यह सेवा पीएमआई की सबसे ज्यादा रीडिंग है, जब कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए माह के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन शुरू हुआ था। विनिर्माण पीएमआई 13 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसको सितंबर में 54.6 अंक पर रहा, जो अगस्त में 46 पर था। इससे निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के संकेत मिलते हैं। आईएचएस मार्किट में इकोनॉमिक एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा, 'निजी क्षेत्र का उत्पादन 6 महीने में पहली बार सितंबर में बढ़ा है औरप यह धारणा दर से ऊपर है। वहीं बिक्री में बढ़ोतरी फरवरी के बाद पहली बार हुई है। नीति निर्माता इस खबर का स्वागत करेंगे क्योंकि महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।' पीएमआई से जुड़े विश्लेषण में कहा गया है कि सेवा पीएमआई की हाल की रीडिंग से संकेत मिलता है कि हर क्षेत्र में व्यापक रूप से स्थिरता आई है। लॉकडाउन के नियम शिथिल किए जाने से इसमें शामिल कंपनियों के कारोबार में वृद्धि दर्ज की गई है। जिन फर्मों ने गिरावट की रिपोर्ट की है, उन्होंने महामारी के कारण मांग पर असर पडऩे की बात कही है। कुल मिलाकर नया कारोबार घटा है। यह गिरावट लगातार सातवें महीने रही, हालांकि मार्च के बाद यह गिरावट सबसे कम है। विदेश से नए ऑर्डर कम रहे हैं, लेकिन यह गिरावट घटी है। प्रतिक्रिया देने वालों के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय मांग कम हुई है। कोविड-19 के लिए वैक्सीन आने की उम्मीद के कारण कंपनियों को लगता है कि अगले साल कारोबारी गतिविधियां बेहतर रहेंगी। अप्रैल के बाद सितंबर पहला महीना है, जब सेवा प्रदाताओं ने वृद्धि को लेकर भरोसा जताया है।
