दक्षिण मुंबई के कफ परेड में ताज प्रेसीडेंट होटल में जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच किसी बड़े कारोबारी समारोह की रंगत नजर आ रही है। दरअसल सोमवार को इस होटल का हॉल सुर्खियों में जगह बनाने जा रहा है क्योंकि यहीं तय होगा कि देश की चौथी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का नया मालिक कौन होगा। अरबों रुपये के घोटाले की वजह से देश विदेश में चर्चित इस कंपनी को खरीदने के लिए लगाई गई बोलियां कल यहीं खोली जाएंगी और यहीं फैसला हो जाएगा कि कंपनी की चाबी किसके हाथ सौंपी जाए। माना जा रहा है कि कल दोपहर तक बोली जीतने वाली कंपनी के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा और 3 महीने से जारी अटकलों पर पर्दा भी पड़ जाएगा। तीन महीने पहले ही सत्यम के संस्थापक रामलिंग राजू ने यह खुलासा कर सनसनी फैला दी थी कि उन्होंने तकरीबन 7,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। उसके बाद से ही यह कंपनी लगातार चर्चा में बनी हुई है। बोर्ड की कामयाबी कई लोग मानते हैं कि इतने कम वक्त में इस कंपनी का नया मालिक ढूंढने की दहलीज पर पहुंचना नैसकॉम के पूर्व अध्यक्ष किरण कार्णिक की अगुआई वाले सत्यम बोर्ड की बहुत बड़ी उपलब्धि है। डेलॉयट और केपीएमजी से खातों की पड़ताल कराने, एवेंडस और गोल्डमैन सैक्स से कंपनी की बिक्री पर सलाह मशविरा लेने और सत्यम की नब्ज को समझने वाले ए एस मूर्ति को सीईओ बनाने जैसे बोर्ड के कदमों ने कंपनी की साख बहाल करने में खासी मदद की। कर्मचारियों का भी इस दौरान पूरा खयाल रखा गया और उनके वेतन का भी इंतजाम किया गया। क्या रहा नतीजा इसका नतीजा यह हुआ कि सत्यम के 53,000 कर्मचारियों में से कुछेक ने ही कंपनी का दामन छोड़ा। कुछ बड़े ग्राहकों ने किनारा किया, लेकिन कई नए ग्राहक कंपनी के साथ आ गए। जनवरी के महीने में ही 15 नए ग्राहक सत्यम को मिले और केवल 1 ग्राहक ने उसका साथ छोड़ा। उसके 600 से ज्यादा ग्राहकों में अब भी जनरल इलेक्ट्रिक, सिस्को सिस्टम्स और क्वांटाज एयरवेज जैसे नाम शामिल हैं। सुबह 9 बजे शुरू होने वाली बोली की प्रक्रिया लंच के फौरन बाद खत्म होने के पूरे आसार हैं। सबसे बड़ी बोली लगाने वाले को जीता हुआ घोषित किया जाएगा, लेकिन कुछ और शर्तें पूरी होनी चाहिए। यदि सबसे बड़ी बोली की 90 फीसदी रकम की बोली लगाने वाली यदि 1 से अधिक कंपनियां हुईं, तो उनके बीच दूसरे दौर का मुकाबला होगा और उसमें सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को जीता हुआ माना जाएगा। उस कंपनी का नाम कंपनी लॉ बोर्ड को भेजा जाएगा और अगले हफ्ते के अंत में संवाददाता सम्मेलन होगा बोली जीतने वाले को हिस्सेदारी खरीदने के वास्ते रकम जमा करने के लिए 4 दिन का वक्त दिया जाएगा। लेकिन बोर्ड के दो सदस्य एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख और भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यकारी निदेशक एस बी मैनाक इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे। पारेख महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के बोर्ड में हैं, जिसकी कंपनी टेक महिंद्रा ने भी बोली लगाई है। एलआईसी की एलऐंडटी में हिस्सेदारी है, जो सत्यम को खरीदने की होड़ में है। टेक महिंद्रा और एलऐंडटी के अलावा नैसडैक में सूचीबद्ध कंपनी कॉग्निजैंट टेक्नोलॉजी साल्यूशंस और प्राइवेट इक्विटी फर्म विल्बर एल रॉस होड़ में हैं। हालांकि कॉग्निजैंट और विल्बर रॉस साथ मिलकर भी बोली लगा सकते हैं। अटकलें इस बात की भी हैं कि स्पाइस समूह एक बार फिर होड़ में लौट सकता है, जो पहले इससे किनारा कर चुका है। बोलियों पर आज होगा फैसला सोमवार को होगा बोली प्रक्रिया का अंतिम चरण दोपहर तक मिल जाएगा नए मालिक का नाम जीतने वाले का नाम भेजा जाएगा सीएलबी के पास एलऐंडटी और टेक महिंद्रा को माना जा रहा है मजबूत कॉग्निजैंट और विल्बर रॉस भी होड़ में स्पाइस समूह कर सकता है दोबारा वापसी
