ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिका की दिग्गज कंपनी एक्सॉन मोबिल और भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी- ओएएलपी) के तहत आगामी छठे और सातवें नीलामी चरण के लिए संयुक्त बोली लगाने की तैयारी की है। कंपनियां अभिरुचि पत्र जमा कराने के लिए बातचीत कर रही है। इसकी अंतिम तिथि 15 नवंबर है। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब ओएनजीसी ओएएलपी के पांचवें चरण में सात ब्लॉक हासिल करने की उम्मीद कर रही है जबकि ऑयल इंडिया को चार ब्लॉक मिल सकते हैं। इसकी अंतिम घोषणा जल्द हो सकती है। मामले के जानकार एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह भारत के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के लिए बड़ा कदम है। ओएनजीसी और एक्सॉन मोबिल साझा हित वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए बातचीत कर रही है। अगर दोनों कंपनियों के बीच साझा हित पर सहमति बनती है तो ओएएलपी के छठे और सातवें चरण के लिए दोनों मिलकर अभिरुचि पत्र जमा करा सकती हैं।' ओएनजीसी और एक्सॉन मोबिल ने अक्टूबर 2019 में भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा समझौते को बढ़ावा देने के लिए आपसी समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत दोनों कंपनियों को भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट पर गहरे जल के उत्खनन के क्षेत्रों की पहचान करनी थी। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि संयुक्त बोली की योजना इस साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा एक कदम है। ओएनजीसी के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर एस शर्मा ने कहा, 'एक्सॉन और ओएनजीसी द्वारा ओएएलपी के तहत संयुक्त बोली लगाना ओएनजीसी के लिए सकारात्मक है। करीब डेढ़ दशक बाद दुनिया की शीर्ष उत्खनन एवं उत्पादन कंपनी भारत में उत्खनन के लिए बोली में प्रतिभागिता करने जा रही है।' उद्योग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विदेशी कंपिनयों के लिए ओएएलपी नीलामी को आकर्षक बनाने के लिए सरकार को घरेलू प्राकृतिक गैस का आधार मूल्य पर ध्यान देना चाहिए, जो चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर से मार्च के लिए घटकर 1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रह गई है, जो अप्रैल से सितंबर में 2.39 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी। ओएएलपी के मौजूदा पांचवें चरण की बोली में निजी कंपनियों की भागीदारी नहीं देखी गई। ऑयल इंडिया को राजस्थान और असम में दो-दो ब्लॉक मिलेंगे। दूसरी ओर ओएनजीसी को खंभात, बंगाल, सौराष्ट्र, कावेरी, मुंबई ऑफशोर और कच्छ बेसिन में एक-एक ब्लॉक मिलेंगे। ओएएलपी के पांचवें चरण के दौरान केवल खंभात की खाड़ी के लिए ही कई कंपनियों ने बोलियां लगाई थीं। इस ब्लॉक के भी ओएनजीसी के पास जाने की उम्मीद है। चौथे चरण में भी सभी सात ब्लॉक ओएनजीसी को ही मिले थे। ओएएलपी के पहले तीन चरणों में केयर्स ऑयल ऐंड गैस ने कुल 87 ब्लॉकों में से करीब 51 ब्लॉक हासिल किए थे। केयर्न अब अनिल अग्रवाल की वेदांत की इकाई है। पहले तीन चरणों में भाग लेने वाली अन्य निजी कंपनियों में बीपी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी शामिल थीं। पांचवें चरण में 11 ब्लॉकों में से 8 राजस्थान के तलछटी में थे और खंभात तथा असम में दो-दो ब्लॉक थे। वर्तमान नीलामी चरण में कुल 19,789 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की पेशकश की गई थी।
