महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने नई एसयूवी थार की बुकिंग शुरू कर दी है। 9.80 लाख रुपये (पेट्रोल, सिक्स सीटर सॉफ्ट टॉप) से 12.95 लाख रुपये (फोर-सीटर हार्ड टॉप) की कीमतों के साथ यह मॉडल ऑटामेटिक और मैनुअल ट्रांसमिशन दोनों में उपलब्ध है। थार की कोई प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धी नहीं है, लेकिन इसकी कीमतों ने इसे मझोले आकार और कॉम्पैक्ट एसयूवी (किया सेल्टोस, हुंडई क्रेटा, विटारा ब्रेजा, फोर्ड इकोस्पोर्ट) की जामत में शामिल करा दिया है। कंपनी के एक डीलर ने कहा, 'महिंद्रा ने इस मॉडल और वैरिएंट्स की कीमत बेहद प्रतिस्पर्धी रखी हैं और इससे अच्छी बिक्री में मदद मिल सकती है।' थार के साथ, एमऐंडएम ने प्रतिस्पर्धा में आगे रहने पर जोर दिया है। बाजार में जहां हरेक अन्य वाहन एसयूवी टैग वाला है, वहीं कंपनी ने रग्ड, ट््रू-ब्लू, ऑल-टेराइन एसयूवी निर्माण की अपनी प्रमुख क्षमता के साथ बने रहने की योजना तैयार की है और 75 वर्ष पुरानी इस कंपनी के लिए इससे एक नई शुरुआत हुई है। थार इस दिशा में पहला कदम है। किया मोटर्स जैसी नई कंपनियों द्वारा एसयूवी बाजार बढ़ाए जाने के साथ, क्या थार ऐसी बिक्री वद्र्घक होगी जिसे महिंद्रा को जरूरत है? इसे लेकर विश्लेषकों की मिश्रित राय है। आईएचएस मार्किट के सहायक निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, 'मॉडल के लॉन्च से पहले दिख रहे उत्साह से बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी और महिंद्रा पिछली बिक्री के मुकाबले तीन-चार गुना बिक्री में आसान से सक्षम होगी।' उन्होंने कहा कि ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कंपनी अपने नए मॉडलों की कीमतें बेहद प्रतिस्पर्धी रख सकती है। कंसल्टिंग फर्म एवेंटियम के मैनेजिंग पार्टनर एवं प्रबंध निदेशक वीजी रामकी का कहना है, 'मौजूदा बाजार हालात में थार के जरिये बाजार भागीदारी बढ़ाना महिंद्रा के लिए आसान कार्य नहीं होगा।'अगले साल भारत में प्रवेश कर सकती है टेस्ला टेस्ला इंक के मुख्य कार्याधिकारी एलन मस्क ने शुक्रवार को संकेत दिया कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता वर्ष 2021 में भारत में दस्तक दे सकती है। मस्क ने 'इंडिया वांट्स टेस्ला' मैसेज वाली टी-शर्ट के फोटोग्राफ के साथ एक पोस्ट के जवाब में टि्वटर पर कहा, 'अगले साल पक्का।' मस्क ने कहा, 'इंतजार करने के लिए धन्यवाद।' टेस्ला का प्रवेश ऐसे समय में हो सकता है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल एवं निर्माण को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहे हैं। भारत का वाहन क्षेत्र पिछले साल मांग में आई नरमी के दबाव से पहले से ही जूझ रहा था, और अब कोविड-19 महामारी से इस पर दबाव बढ़ गया है। कार निर्माता कंपनियां अब बिक्री बढ़ाने के लिए सरकारी समर्थन की राह देख रहे हैं। रॉयटर्स
