ऐसे समय में जब सरकार और उद्योग चीन से बाहर जाने वाली कंपनियों में अवसर तलाश रहे हैं, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा है कि भारत में वियतनाम जैसे बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए तैयार बुनियादी ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हमें भारत को अवश्य आगे रखना होगा, साझेदारी करनी होगी और लंबी अवधि की रणनीति बनानी होगी। इससे विनिर्माण क्षेत्र को विकसित होने में मदद मिलेगी। हाल में मद्रास चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक समारोह में बोलते हुए गोयनका ने कहा कि भू-राजनीतिक घटनाओं और कोविड-19 के प्रकोप के कारण भारत के लिए अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा, 'तीन क्षेत्रों- भारत को आगे रखना, साझेदारी करना और दीर्घावधि रणनीति- पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक समग्र योजना तैयार करने से भारत के विनिर्माण क्षेत्र को विकसित होने में मदद मिलेगी।' उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सबकुछ यहीं बनाना ही नहीं है। गोयनका ने कहा कि एयर कंडीशनर, सेट टॉप बॉक्स, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्नीचर आदि कई क्षेत्रों में भारत अगले कुछ वर्षों में आसानी से छलांग लगा सकता है। वस्तुओं का आयात मुख्य तौर पर कम कीमत, क्षमता का अभाव और प्रौद्योगिकी में अंतर के कारण किया जाता है। कई क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाकर और उद्योग एवं सरकार की भागीदारी के जरिये आयात को कम किया जा सकता है। गोयनका ने कहा कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) और आपूर्तिकर्ताओं के अलावा ओईएम और सरकार के बीच साझेदारी वाला नजरिया विकसित करने की आवश्यकता है।
