एनएसई पर 6 करोड़ रुपये जुर्माना | समी मोडक / मुंबई October 01, 2020 | | | | |
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर स्टॉक एक्सचेंज व्यवसाय से गैर-संबद्घ 6 इकाइयों में निवेश की वजह से गुरुवार को 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
इनमें पावर एक्सचेंज इंडिया (पीएक्सआईएल), कम्प्यूटर एज मैनेजमेंट सिस्टम्स (सीएएमएस), एनएसईआईटी, एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (एनईआईएल), मार्केट सिम्पलीफाइड इंडिया (एमएसआईएल) और रिसीवेबल्स एक्सचेंज ऑफ इंडिया (आरएक्सर्आएल) शामिल हैं। मौजूदा समय में, अपनी इकाई एनएसई इन्वेस्टमेंट्स के जरिये इन इकाइयों में एनएसई की 25 से 100 प्रतिशत के बीच हिस्सेदारी है।
सेबी ने अपने एक आदेश में कहा है, 'निष्कर्ष यह निकला है कि एनएसई परोक्ष तौर पर या अपनी पूर्ण सहायक इकाई के जरिये उन गतिविधियों से जुड़ा हुआ था जो स्टॉक एक्सचेंज के तौर पर उसकी गतिविधियों के लिए गैर-संबद्घ/गैर-प्रासंगिक हैं। इन गतिविधियों के तहत एनएसई ने पीएक्सआईएल, सीएएमएस, एनएसईआईटी लिमिटेड, एनईआईएल, एमएसआईएल, और आरएक्सआईएल में सेबी की मंजूरी के बगैर हिस्सेदारी खरीदी थी और इस वजह से एसईसीसी (स्टॉक एक्सचेंज ऐंड क्लियरिंग कॉरपोरेशन) 2018 के नियम 38(2) के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ।'
सेबी को भेजे अपने जवाब में एनएसई ने तर्क दिया था कि इनमें से कई निवेश स्टॉक एक्सचेंज व्यवसाय से संबंधित थे। हालांकि नियामक ने इस तर्क को ठुकरा दिया। उदाहरण के लिए, सीएएमएस निवेश के मामले में, सेबी ने कहा, 'एनएसई का तर्क है कि सीएएमएस की गतिविधियां स्टॉक एक्सचेंज से संबंधित हैं, जो सेबी द्वारा स्वीकृत नहीं पाया गया, क्योंकि सीएएमएस की गतिविधियां एक बाजार मध्यस्थ की हैं और यह बाजार कारोबारियों को बैक-ऐंड सेवाएं मुहैया कराता है। बाजार मध्यस्थों की गतिविधियां हमेशा प्रतिभूति बाजार के लिए गौण होती हैं जिनमें प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री होती है। हालांकि यह स्टॉक एक्सचेंज के कार्य से संबंधित नहीं हैं।'
एक्सचेंज का यह भी तर्क है कि निवेश ऐसी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई द्वारा किए गए थे, जिसका निवेश कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं था। वहीं सेबी का मानना है कि इन इकाइयों में से ज्यादातर के बोर्ड में एक्सचेंज ने निदेशक नियुक्त किए थे। नियामक ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि एसईसीसी की शुरुआत जून 2012 से जुई थी।
नियामक ने कहा, 'एनएसई द्वारा चार निवेश गतिविधियों - एनएसईआईटी, पीएक्सआईएल, एमएसआईएल, और एनएसडीएल ईगॉव के लिए एससीएन जारी किया गया और इनकी गतिविधियां बरकरार हैं और इन्हें एनएसई द्वारा चलाया गया है। दो अन्य गतिविधियां (सीएएमएस और आरएक्सआईएल में) सीईसीसी 2012 की पेशकश के बाद शुरू हुईं और जहां तक पूर्वप्रभावी आवेदन का संबंध है तो इन गतिविधियों को लेकर कोई समस्या नहीं है।'
एनएसई ने पिछले महीने पूरे हुए केम्स आईपीओ में अपना पूरा 37.5 प्रतिशत हिस्सा बेचा था। केम्स को एनएसई को निकालने की राह आसान बनाने के लिए अपने आईपीओ ढांचे को बदलना पड़ा था। फरवरी में, सेबी ने एक साल के अंदर केम्स में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए एनएसई को नोटिस भेजा था। जनवरी में सीएएमएस द्वारा आईपीओ पेशकश के तहत एनएसई ने केम्स में सिर्फ 12.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी।
|