संसद में हाल ही में पारित कृषि विधेयकों लेकर मचे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश में गुरुवार से धान की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए प्रदेश सरकार ने इस बार 55 लाख टन धान की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा है। बीते खरीफ सीजन में 50 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लक्ष्य के बाद भी धान की सरकारी खरीद तब तक जारी रहेगी, जब तक किसान अपनी उपज लाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलवाया जाएगा। इस साल खरीद के लिए धान का समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विं टल तथा ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 1,888 रुपये प्रति क्विंकटल तय किया गया है। धान खरीद के लिए खाद्य विभाग की विपणन शाखा, आवश्यक वस्तु निगम, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ), मंडी परिषद, नेफेड, भारतीय खाद्य निगम, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ और उत्तर प्रदेश राज्य कृषि एवं औद्योगिक निगम (यूपी एग्रो) की ओर से कुल 4,000 क्रय केंद्र खोले जाएंगे। खरीद एजेंसी अपनी संस्था के क्रय केंद्रों अलावा पंजीकृत सोसाइटी व मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी, एफपीओ को सम्बद्ध कर उनके माध्यम से भी धान खरीद कर सकेंगी। मंगलवार देर शाम हुई बैठक में मंत्रिपरिषद ने वर्तमान खरीफ सीजन में मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद करने वाली संस्थाओं को अग्रिम या कर्ज उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रस्ताव के तहत खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) द्वारा धान खरीद के लिए न्यूनतम ब्याज दर पर राष्ट्रीयकृत बैंकों से 3,000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा तक लघु अवधि का ऋण या कैश क्रेडिट लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य खरीद करने वाली संस्थाएं अपने स्रोतों से वित्तीय व्यवस्था करेंगी और उन्हें ब्याज ती रकम की प्रतिपूर्ति प्रदेश सरकार करेगी।
