प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने स्पष्ट किया है कि उसके ऐप स्टोर गूगल प्ले पर बिलिंग किस प्रकार की जाती है। कंपनी ने कहा है कि ऐप स्टोर पर मौजूद जो ऐप डिजिटल बिक्री करने का विकल्प चुनता है उसे गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसके तहत उसे शुल्क के रूप में इन-ऐप खरीदारी का एक हिस्सा भुगतान करना पड़ता है। प्रौद्योगिकी कंपनी अब इस मानदंड को पूरा करने वाले सभी ऐप के लिए यह नियम लागू करने की योजना बना रही है। गूगल प्ले बिलिंग के तहत इस प्रकार के लेनदेन पर 30 फीसदी कमीशन लिया जाता है।
गूगल के उपाध्यक्ष (उत्पाद प्रबंधन) समीर सामत ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी नीतियां स्पष्ट और अद्यतन है ताकि सभी डेवलपरों पर उसे निर्बाध और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जा सके।' उन्होंने कहा है, 'इसलिए हमने अपनी भुगतान नीति की भाषा को अधिक स्पष्ट किया है कि अपने ऐप पर वस्तुओं की बिक्री करने वाले सभी डेवपरों के लिए गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना आवश्यक है।'
गूगल ने स्पष्ट किया है कि यह नीति कोई नई नहीं है। गूगल प्ले बिलिंग नीति के लिए डेवलपरों को हमेशा डिजिटल वस्तुओं की इन-ऐप खरीदारी के लिए गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। इसके तहत प्ले स्टोर द्वारा पेश किए गए ऐप पर हुए भुगतान में 30 फीसदी की कटौती होती है। यह स्पष्टीकरण बहुलांश डेवलपरों को प्रभावित नहीं करेगा, जिनके ऐप गूगल प्ले पर हैं और यह 3 फीसदी से कम डेवलपरों पर ही लागू होगा। इसमें कहा गया है कि करीब 97 फीसदी ऐप पहले से ही गूगल प्ले बिलिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। गूगल प्ले पर इसका अनुपालन न करने वाले ऐप को बिलिंग सिस्टम को एकीकृत करने की खातिर तकनीकी काम करना होगा और इसके लिए 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया गया है।
गूगल प्ले का बिलिंग सिस्टम उनके लिए जरूरी नहीं है जो फिजिकल गुड्स की बिक्री करते हैं या ऐप के तहत उनका कोई लेनदेन नहींं होता है। दिलचस्प रूप से प्ले स्टोर पर रखे गए नए ऐप के लिए यह नीति 20 जनवरी 2021 से लागू होगी और इसमें फिटनेस, गेम, डेटिंग, एजुकेशन, म्यूजिक, वीडियो और अन्य कंटेंट सबस्क्रिप्शन सेवाओं जैसी श्रेणियां शामिल हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इन ऐप्स को लेनदेन का 30 फीसदी कमीशन के तौर पर देना होगा, अगर वे डिजिटल गुड्स के इन-ऐप परचेज पर इसे क्रियान्वित करते हैं।
गूगल ने कहा कि उसका प्ले स्टोर भारतीय डेवलपरों को ज्यादा लोगों तक पहुंच में मदद करता रहेगा। भारतीय डेवलपरों की तरफ से विकसित ऐप पर उपभोक्ताओं का खर्च पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल दोगुना हो गया। भारतीय डेवलपरों ने भारत से बाहर वाले उपभोक्ताओं की तरफ से इस साल खर्च में 80 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है।