उत्तर प्रदेश : स्मार्ट बिजली मीटरों की गलत बिलिंग पर सरकार सख्त | बीएस संवाददाता / लखनऊ September 29, 2020 | | | | |
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटरों से हो रही गलत बिलिंग को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि बिलिंग में गड़बड़ी की शिकायतों पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन जिलों से गलत बिलिंग की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, वहां संबंधित वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक विशेष टीम भेज कर जांच करवाएं। साथ ही स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं का बिल बकाया होने पर बिजली ऑनलाइन काटने के भी निर्देश दिए गए हैं।
वितरण निगमों से कहा गया है कि उपभोक्ताओं की बिजली खंभे से काटने के बजाय सर्वर से काटी जाए और बकाया बिल जमा करने पर बिना किसी शुल्क के अविलंब कनेक्शन बहाल किया जाए। वर्तमान में अकेले लखनऊ में ही 2.75 लाख उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं जहां कनेक्शन ऑनलाइन काटे व जोड़े जा सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि मध्यांचल वितरण निगम के अयोध्या, देवीपटन और लखनऊ में लाइन लास को कम किए जाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, जबकि पश्चिमांचल में बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, मेरठ और सहारनपुर में भी कमी लाने की जरुरत है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी निगम खास कर मध्यांचल व पश्चिमांचल वितरण निगमों में लाइन लॉस कम कर 15 फीसदी से नीचे लाया जाए। इन दोनों निगमों के उच्च लाइन लॉस वाले 2242 उपकेंद्रों की समीक्षा करते हुए श्रीकांत शर्मा ने कहा कि एक महीने के भीतर यहां कमी लाई जाए। उन्होंने कहा कि दीवाली के त्योहार से पहले सभी वितरण निगम अपने ट्रांसफार्मरों पर लोड बैलेंसिंग कर लें। त्योहार के मौके पर तीन दिनों तक 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जरुरत पडऩे पर अतिरिक्त बिजली खरीद कर मांग पूरी की जाएगी। गौरतलब है कि सामान्य दिनों में अक्टूबर से नंवबर में प्रदेश में दैनिक मांग 15,000 से 16,000 मेगावाट की रहती है, जबकि त्योहारों में यह बढ़कर 18,000 से 20,000 मेगावाट तक पहुंच जाती है। प्रदेश सरकार की योजना इस बार नवरात्रि में भी गांवों व शहरों को अतिरिक्त बजली देने की है। नवरात्रि में गांवों को दी जाने वाली बिजली 14 घंटे से बढ़ाकर 18 घंटे करने और सभी जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली देने की तैयारी की जा रही है।
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